रविवार को अविश्वास प्रस्ताव से पहले पाकिस्तान की सियासत में कुछ बहुत बड़ा और खतरनाक होने के आसार नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को साफ कर दिया था कि वो ‘संडे सरप्राइज’ देने जा रहे हैं। उनके इस कथित सरप्राइज की कुछ जानकारी छन-छनकर बाहर आ रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो शनिवार देर रात अपोजिशन के तमाम लीडर्स को गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके पहले उनके खिलाफ देशद्रोह के केस दर्ज करने की तैयारी कर ली गई है।
वैसे, तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक रविवार को तीन बड़ी बातें हो सकती हैं। 1- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा। 2- स्पीकर ने चाहा तो वोटिंग। 3- इस्लामाबाद में इमरान की रैली।
पाकिस्तान की सियासत:अपने एम्बेसेडर के पुराने लेटर को अमेरिकी साजिश बता कर मुल्क को मूर्ख बना रहे इमरान; जानिए सच्चाई क्या है
शनिवार रात अहम
फौज और इमरान खान दोनों के बेहद करीबी माने जाने वाले पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट अंसार अब्बासी के मुताबिक, इमरान खान सरकार किसी भी वक्त अपोजिशन के तमाम नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है। गिरफ्तारी से पहले इन सभी के खिलाफ मुल्क से गद्दारी, यानी देशद्रोह का केस दर्ज किया जाएगा। इसके लिए सीक्रेट मीटिंग्स की जा चुकी हैं। इन नेताओं पर एक धारा मुल्क के खिलाफ विदेशी साजिश में शामिल होने की लगाई जाएगी। इसका अधिकार सरकार के पास है।
क्या फौज साथ देगी
अब्बासी के मुताबिक, फौज ने विपक्ष और इमरान दोनों के सामने तीन बातें रखी थीं। पहली- इमरान इस्तीफा दें। दूसरी- मिलीजुली सरकार बनाई जाए। तीसरा- संसद भंग करके फौरन नए चुनाव कराए जाएं।
जानकारी के मुताबिक, पहली शर्त पर इमरान तैयार नहीं थे। तीसरी शर्त या बात आसिफ अली जरदारी को मंजूर नहीं थी। लिहाजा, बीच का यह रास्ता बंद हो चुका है। अब विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और उन पर देशद्रोह का केस दर्ज करने के मामले में फौज क्या करेगी, फिलहाल यह साफ नहीं है। माना जा रहा है कि अगर मुल्क के सियासी हालात यही रहे और टकराव जारी रहा तो फिर फौज एक्टिव होगी और इमरजेंसी लगना तय हो जाएगा। यह सब चीजें रविवार शाम तक खुलकर सामने आ जाएंगी।
खून-खराबे का खतरा
इमरान खान रविवार को ही इस्लामाबाद में रैली करने वाले हैं। फौज और ISI इसके खिलाफ हैं, लेकिन इमरान पॉलिटिकल माइलेज लेने का कोई मौका नहीं खोना चाहते। अब तक यह साफ नहीं है कि यह रैली संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग के पहले होगी या बाद में। जानकार मान रहे हैं कि अगर इमरान वोटिंग में हार गए तो इस्लामाबाद में मौजूद उनके समर्थक हिंसा कर सकते हैं। इसका सबूत खैबर पख्तूख्वा से सामने भी आ चुका है। यहां के मुख्यमंत्री महमूद खान का एक ऑडियो पिछले दिनों वायरल हुआ था। खैबर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी इमरान की पार्टी की ही सरकार है। इस ऑडियो में महमूद ने साफ तौर पर अपने समर्थकों से कहा था कि अगर इमरान सरकार गिरती है तो वो सड़कों पर उतरकर अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी और हिंसा करें, अमेरिकी झंडों का आग लगा दें।