कोविड-19 : भारत को कोरोना वायरस की चौथी लहर के लिए कितना तैयार रहना चाहिए?

दुनियाभर में कोविड के मामलों में नई बढ़ोत्तरी देखी जा रही है- ब्रिटेन और यूरोप में संक्रमण के मामलों की तादाद बढ़ रही है. चीन और हांग कांग में पिछले दो सालों में संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं.

भारत में अब तक कोविड संक्रमण के चार करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और सर्वाधिक मामलों में भारत दूसरे नंबर पर है. भारत से आगे सिर्फ़ अमेरिका है.

भारत में अब तक पांच लाख से अधिक लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है. इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है.

ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत को चौथी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए?

50 से अधिक म्यूटेशन वाला ओमिक्रॉन वैरिएंट, जो दुनिया के कई हिस्सों में संक्रमण की ताज़ा लहर ला रहा है, भारत में दिसंबर में फैलना शुरू हुआ था और अब इसके मामले बहुत कम हो गए हैं.

21 मार्च को भारत में कोविड के 1410 नए मामले सामने आए थे. वहीं 21 जनवरी को 3,47,000 मामले सामने आए थे जो इस साल का पीक था. इस बार मामलों की तादाद तेज़ी से घटी, संक्रमण बहुत गंभीर नहीं था और अस्पतालों की हालत ख़राब नहीं हुई.

भारत में अब तक 180 करोड़ कोविड वैक्सीन डोज़ लग चुकी हैं. भारत की 80 फ़ीसदी वयस्क आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज़ लग चुके हैं जबकि अब तक 94 प्रतिशत वयस्कों को कम से कम एक डोज़ लग चुकी है.

ऐसे में देश के अधिकतर हिस्सों से कोविड संबंधी पाबंदियां हट गई हैं, दफ़्तर खुल गए हैं जनजीवन सामान्य हो गया है.

दिल्ली में स्थिति स्वास्थ्य थिंक टैंक पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया से जुड़े डॉ. के. श्रीकांत रेड्डी कहते हैं, “भारत इस समय चैन की सांस ले रहा है.”

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