आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव के आयोजन में कवि सम्मेलन प्रमुख आकर्षण रहा। देश प्रदेश के ख्यातिलब्ध कवियों ने अपनी प्रस्तुति से रात 2 बजे तक श्रोताओं को काव्य पाठ से बांधे रखा। कार्यक्रम में वीर रस के साथ हास्य, व्यंग्य और श्रृंगार रस की कविताएं रायगढ़ के कला प्रेमियों को सुनने को मिली और ऑडिटोरियम देर रात तक करतल ध्वनि से गूंजता रहा।
कार्यक्रम के शुरुआत में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने मंचासीन कविगणों का अभिनंदन किया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल, महापौर नगर निगम श्रीमती जानकी काटजू, कलेक्टर श्री भीम सिंह, सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, संयुक्त कलेक्टर श्री राजीव पांडेय भी इस दौरान उपस्थित रहे।
कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय अन्तराष्ट्रीय स्तर पर व्यंग्य शैली के बड़े कवियों में शुमार जयपुर से पधारे कवि श्री संपत सरल ने ‘मेरा आदर्श भारतीय गांव’ और ‘स्मार्ट सिटी’ कविताएं श्रोताओं को सुनायी। उन्होंने अपने कविता के माध्यम से आम जन जीवन को रेखांकित किया। हास्य पुट के साथ कही कविताओं से उनकी प्रस्तुति के दौरान ऑडिटोरियम श्रोताओं की हंसी ठहाकों से गूंजता रहा। पुणे से पहुंचे और सेना में कर्नल रहे वी.पी.सिंह ने वीर रस की कविताओं का पाठ किया।
‘ये देश है मेरा’ कविता के माध्यम उन्होंने सामाजिक सद्भाव व एकता का संदेश दिया। उनके ओजस्वी काव्य बोध से श्रोता भी खासे प्रभावित हुए और करतल ध्वनियों से उनका अभिनंदन किया। बाराबांकी उत्तर प्रदेश से पहुंचे युवा कवि प्रियांशु गजेंद्र ने हास्य कविताओं की श्रृंखला प्रस्तुत की। उनकी राह में छोड़ो या राह में मिलो’ और ‘रात भर तुमको गाया और सुबह छपे अखबार’ में कविता ने उपस्थित श्रोताओं की खूब तालियां और वाह वाही बटोरीं। उन्होंने कलाप्रेमियों की मांग पर ‘राम वेदना’ का मर्मस्पर्शी पाठ भी कार्यक्रम के अंत में किया।
रीवां से पहुंचे युवा कवि श्री अमित शुक्ला ने मंच संचालन की जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए अपनी शानदार कविताओं की भी प्रस्तुति दी। ‘पिता और पुत्री के स्वप्न संवाद’ की उनकी कविता ने सुनने वालों को भाव विह्वल कर दिया। कार्यक्रम में पहुंची सुश्री संगीता सरगम ने श्रृंगार रस के कविताओं की प्रस्तुति दी तो, श्री उपेन्द्र द्विवेदी के देशभक्ति से ओत प्रोत वीर रस की कविताओं ने सुनने वालों को जोश से भर दिया। रायगढ़ के कवि श्री रामगोपाल शुक्ला ने भी वीर रस की कविता के साथ व्यंग्य शैली में ‘रावण का प्रतिवेदन’ रचना सुनायी। युवा कवियों ने भी अपनी कविताओं की शानदार प्रस्तुति दी। श्री आशीष निर्मल, श्री दिनकर पाठक और श्री भूपधर अलबेला के कविताओं में आम जनजीवन की बातों का हास्य बोध के साथ प्रस्तुतिकरण हुआ। भिलाई के कवि श्री गजराज दास महंत ने छत्तीसगढ़ी हास्य कविताओं के माध्यम से अपने जिंदगी के अनुभवों को साझा किया। बंशीधर मिश्रा और प्रियंका गुप्ता ने भी अपनी रचनाओं को मंच के माध्यम से श्रोताओं को सुनाया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का भावपूर्ण व प्रभावी संचालन प्रो.अम्बिका वर्मा और प्राचार्य श्री राजेश डेनियल ने किया।
बॉलीवुड सिंगर ऐश्वर्या पंडित के गानों से सजी शाम
कार्यक्रम में प्रख्यात बॉलीवुड सिंगर ऐश्वर्या पंडित ने भी प्रस्तुति दी। उन्होंने स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर द्वारा गाये गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ से कार्यक्रम की शुरुआत की और तमाम वीर शहीदों को नमन अर्पित किया। इसके बाद उन्होंने ‘लग जा गले’ और ‘तुझसे नाराज नही जिंदगी’ जैसे गीतों की सुरीली प्रस्तुति दी।
ज्योतिश्री वैष्णव ने कथक, आर्या नंदे और श्रुति दास ने दी ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति
रायगढ़ घराने की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री ज्योतिश्री वैष्णव ने भी अपने नृत्य कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने शिव स्तुति के साथ राधा कृष्ण पर आधारित गीत पर अपनी नृत्य प्रस्तुति दी। ओडिसी की प्रख्यात नृत्यांगना सुश्री आर्या नंदे का भावपूर्ण व कलात्मक नृत्य प्रदर्शन भी महोत्सव में देखने को मिला। अपने ओडिसी नृत्य से राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करने वाली नृत्यांगना सुश्री श्रुति दास ने मंच पर अत्यंत भावपूर्ण प्रस्तुति दी। उनके नृत्य कौशल और भाव भंगिमाओं ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया। रायपुर से पहुंचे मेवाती घराने के शास्त्रीय गायक श्री प्रदीप चौबे ने गायन की शानदार प्रस्तुति दी। नन्ही गायिका पर्ल मोटवानी ने शास्त्रीय गायन विधा अंतर्गत दो बंदिशों, छोटा खयाल और बड़े खयाल के जरिये अपनी कला प्रतिभा का परिचय दिया। उन्होंने मुरलीधर घनश्याम और बाज रहे पग में पैजनिया गीतों की सुरीली प्रस्तुति अमृत महोत्सव में दिया। जिसे सुनकर श्रोतागण भी मंत्रमुग्ध हो गए। महोत्सव में शताक्षी सोनी ग्रुप ने कथक की नयनाभिराम प्रस्तुति दी।