संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग लगातार राज्य शासन की फ्लैगशीप योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से चर्चा कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ले रहे हैं। योजनाओं से हितग्राहियों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है। उनका जीवन स्तर सुधर गया है। उन्हें बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार मिलने से उनमें हर्ष व्याप्त है।
संभागायुक्त से मस्तूरी विकासखण्ड के उनी गांव के रहवासियों ने अपने अनुभव साझा किए। उल्लेखनीय है कि उनी गांव में शत-प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब घर में ही नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है, जिससे उन्हें आसानी से पीने के लिए स्वच्छ पानी मिल रहा है। जल जीवन मिशन के रेट्रोफिटिंग योजना के अंतर्गत गावों के घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। जल जीवन मिशन से ग्रामीणों का जीवन आसान हो गया है। डॉ. अलंग ने महतारी दुलार योजना के हितग्राही परिवारों से भी बातचीत की। महतारी दुलार योजना से लाभान्वित हितग्राहियों ने संभागायुक्त को अपने अनुभव बताएं। उन्होंने बताया कि इस योजना के माध्यम से उन्हें उज्जवल भविष्य गढ़ने में मदद मिलेगी। राज्य शासन की फ्लैगशीप योजनाओं से लाभान्वित हितग्राही शासन को इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए धन्यवाद देते नहीं थकते है। धान खरीदी के बेहतर इंतजाम से संभाग के किसान खुश है। संभागायुक्त से चर्चा के दौरान किसानों ने धान खरीदी की प्रकिया के विभिन्न चरणों के अपने अनुभव बताएं। किसानों ने बताया कि धान बेचने से लेकर भुगतान पाने तक संपूर्ण प्रकिया, अब काफी सुगम हो गई है। पहले धान बेचने को लेकर चिंता सताते रहती थी, लेकिन खरीदी कें्रदों के विकेंद्रीकरण और कम्प्यूटीकरण से धान बेचना अब आसान हो गया है।
राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन न्याय योजना से मजूदरों को काफी राहत मिली है। योजना के प्रथम किश्त की राशि दो हजार रूपए उनके खाते में पहंुच चुकी है। संभागायुक्त ने इस योजना के क्रियान्वयन के संबंध में भी हितग्राहियों से चर्चा कर उनका हाल चाल पूछा। श्रमिकों ने बताया कि जीवन में पहली बार सरकार से उन्हें इस तरह की सीधी मदद मिली है। अल्प आमदनी में किसी तरह गुजर बसर कर रहे हम जैसे गरीब लोगों के लिए सलाना 6 हजार रूपए बहुत बड़ी रकम है। इससे हम जैसे लाखों मजदूर परिवारों में खुशी की लहर है। इससे हमारा जीवन स्तर बढ़ने के साथ सम्मान भी बढ़ा है। संभागायुक्त डॉ. अलंग ने वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के जरिए पाली और पोड़ी-उपरोड़ा के विकासखण्ड की महिलाओं से चर्चा कर उनके अनुभव सुनें। समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठानों में रोजगार मूलक गतिविधियों से जुड़कर उनमें आत्मविश्वास जागा है। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने से उन्हंे हिम्मत मिली है।