जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह की महिलाएं ग्रामीण स्तर पर छोटे-छोटे व्यवसाय से आत्मनिर्भर बन रहीं है। जनपद पंचायत मरवाही में विभिन्न महिला स्व सहायता समूहों द्वारा मुर्रा लड्डू, मशरूम एवं सब्जी उत्पादन, साबुन निर्माण, ईंट निर्माण, मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन आदि व्यवसायों से आय अर्जित कर रहीं है।
जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम पंचायत सेखवा में तुलसी महिला स्व सहायता समूह की आठ महिलाओं द्वारा रिवाल्विंग फंड से 15 हजार रुपए की पूंजी लगा कर मुर्रा लड्डू का काम शुरू किया गया है। महिलाओं द्वारा आस-पास के साप्ताहिक बाजारों में मुर्रा लड्डू बेचकर प्रति महिला हर महीने डेढ़ से दो हजार रूपए की आय अर्जित कर रही है। इसी पंचायत में कल्याणी महिला स्व सहायता समूह की दो महिलाओं ने 35 हजार रूपए का ऋण लेकर चार सौ मुर्गियों का ब्रॉयलर प्रोडक्शन शुरू किया है। महिलाएं द्वारा प्रत्येक साइकिल (ढेड माह) में 10 से 15 हजार रूपए का आय प्राप्त कर रही है।
ग्राम पंचायत नाका में गौरी एवं लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह द्वारा 50 हजार रुपए का ऋण लेकर सब्जी उत्पादन एवं धान कूटने की मशीन लेकर व्यवसाय शुरू किया गया है। इनमें तीन महिलाओं को मछली पालन के लिए मनरेगा से डबरी निर्माण कराया गया है। ग्राम पंचायत सेमरदर्री में अनन्या महिला स्व सहायता समूह द्वारा समूह की बचत राशि 4 हजार रुपए से मशरूम उत्पादन किया जा रहा है। समूह की महिलाएं 100 रूपए प्रति किलो की दर से मशरूम बेचकर आय प्राप्त कर रही हैं।
ग्राम पंचायत बंशीताल में रोशनी महिला स्व सहायता समूह द्वारा 50 हजार रुपए का ऋण लेकर ईंट निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। समूह की दस महिलाएं मिलकर एक हजार ईंट बना चुकी है। ग्राम पंचायत पथर्रा में रानी लक्ष्मी बाई महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं साबुन निर्माण के व्यवसाय से आय प्राप्त कर रहीं है। ग्राम पंचायत मटियाडांड में नारी उत्थान महिला स्व सहायता समूह द्वारा मछली पालन किया जा रहा है। इनके द्वारा माह अगस्त में 10 किलो मछली बीज डाला गया था। मछली उत्पादन शुरू हो गया है। इन्होनंे ने 80 किलो मछली बेच चुकी है। इसी तरह जय लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह की 5 महिलाओं द्वारा 25 हजार रुपए ऋण लेकर 10 बकरियां खरीदी है और उनका पालन शुरू किया है