छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध राजिम में माघी पुन्नी मेला 16 फरवरी से शुरू होकर 01 मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा। त्रिवेणी संगम स्नान के लिए 16 फरवरी माघ पूर्णिमा, 23 फरवरी जानकी जयंती और 01 मार्च महाशिवरात्रि को विशेष पर्व रहेगा। मेले का शुभारंभ 16 फरवरी को शाम 7 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत करेंगे। शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू करेंगे। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय कार्य, कृषि और जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण मंत्री श्री मो. अकबर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन विकास एवं श्रम मंत्री श्री शिव कुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरूरूद्र कुमार, उच्च शिक्षा एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक,लोकसभा सांसद श्री चुन्नीलाल साहू एवं श्री सुनील सोनी, संसदीय सचिव सर्वश्री विकास उपाध्याय, चिंतामणि महाराज एवं कुंवर सिंह निषाद, विधायक सर्वश्री धनेन्द्र साहू, बृजमोहन अग्रवाल, अमितेष शुक्ल, डमरूधर पुजारी, अजय चंद्राकर एवं श्रीमती लक्ष्मी धु्रव उपस्थित रहेंगी। शुभारंभ समारोह में श्रीमती स्मृति नीरज ठाकुर अध्यक्ष जिला पंचायत गरियाबंद, श्रीमती पुष्पा जगन्नाथ साहू अध्यक्ष जनपद पंचायत फिंगेश्वर, श्रीमती देवनंदनी साहू अध्यक्ष जनपद पंचायत अभनपुर, श्रीमती ज्योति दिवाकर ठाकुर अध्यक्ष जनपद पंचायत मगरलोड, श्रीमती रेखा राजू सोनकर अध्यक्ष नगर पंचायत राजिम एवं श्री धनराज मध्यानी अध्यक्ष नगर पालिक परिषद, गोबरा नवापारा उपस्थित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि महानदी के तट पर स्थित राजिम छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का ’प्रयाग’ भी कहते हैं। यहाँ के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं। प्रतिवर्ष यहाँ पर माघ पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक एक विशाल मेला लगता है। यहाँ पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस मेले में श्री राजीवलोचन मंदिर, श्री कुलेश्वर महादेव, श्री महाप्रभु वल्लभाचार्य जी प्राकट्य स्थल चम्पारण, प्राचीन देवालयों के दर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का श्रद्धालु प्रतिदिन आनंद ले सकते हैं। प्रथम दिन प्रातः 4 बजे से विशेषपर्व स्नान से मेला का आगाज होगा।