सालसा के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर की अध्यक्षा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जशपुर श्रीमती अनिता डहरिया के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए जिला न्यायालय जशपुर के सभागार में किया गया।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर की अध्यक्षा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जशपुर श्रीमती अनिता डहरिया ने बताया कि वर्ष 2008 से आम लोगो को बालिकाओ के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। श्रीमती डहरिया ने बताया कि 18 वर्ष की आयु कन्या के विवाह के लिए न्यूनतम आयु है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में यह प्रावधान है कि पक्षकार यदि चाहे तो बाल विवाह को शून्य घोषित करा सकते है परंतु बाल विवाह के लिए यदि किसी बच्चे को उसके माता-पिता के पास से ले जाया जाता है या अवैध साधनो द्वारा ले जाया जाता है, उसे बेचा जाता है तो ऐसा बाल विवाह शून्य होगा। तथा बाल विवाह करने वाले पुरुष को दो वर्ष के कारावास या एक लाख रूपये जुर्माना या दोनो हो सकता है। बाल विवाह कराने वाला या उसका अनुष्ठान कराने वाले व्यक्ति को भी दो वर्ष के कारावास या एक लाख रूपये जुर्माना या दोनो हो सकता है।कार्यक्रम में सी.जे.एम. श्री मनीष दुबे ने महिलाओ संबंधित अपराधो के बारे में विस्तार से बताया। ए.डी.जे. कुमारी सुनीता साहू ने पाक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से बताया। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री जी.एस. कुजांम ने बालिकाओ के दत्तक ग्रहण तथा भरण पोषण के अधिकार के बारे में विस्तार जानकारी दी इस अवसर पर बडी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।