राज्य मनरेगा कार्यालय द्वारा ‘उन्नति’ परियोजना के अंतर्गत मनरेगा श्रमिकों के कौशल विकास में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मनरेगा आयुक्त श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने सभी जिलों के कलेक्टर-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को परिपत्र जारी कर मनरेगा श्रमिकों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने उनके कौशल उन्नयन के लिए शुरू की गई ‘उन्नति’ परियोजना के वार्षिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इसके क्रियान्वयन में तेजी लाने कहा है। उन्होंने सभी जिलों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) और बिहान (छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) के अंतर्गत पदस्थ जिला एवं जनपद पंचायत स्तर के अधिकारियों के परस्पर समन्वय से प्रभावी एवं समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं जिससे कि प्रत्येक जिले को आबंटित प्रशिक्षण के लक्ष्य को समय-सीमा में हासिल किया जा सके।
मनरेगा आयुक्त ने कलेक्टरों को जारी परिपत्र में कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष पूर्ण होने में अब तीन महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में प्रत्येक जिला हर 15 दिनों में बिहान एवं मनरेगा के राज्य कार्यालयों को प्रशिक्षण की प्रगति एवं लक्ष्य पूर्ति के लिए बनाई गई कार्ययोजना से अवगत कराए। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य पूर्ण कर चुके या लक्ष्य के करीब वाले जिलों को अतिरिक्त लक्ष्य के आबंटन के लिए प्रस्ताव भेजने कहा है। मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अभिसरण से संचालित श्रमिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसी भी स्तर पर शिथिलता नहीं आने देने कहा है। उन्होंने इसके लिए प्रशिक्षण प्रदाता संस्थानों के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ भी संयुक्त बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। मनरेगा आयुक्त ने कलेक्टरों को प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों का स्वयं निरीक्षण करने कहा है। उन्होंने ‘उन्नति’ परियोजना के उद्देश्य की पूर्ति के लिए टीम का गठन कर समय-समय पर प्रशिक्षण संस्थानों का निरीक्षण कर वहां जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण में जरूरी सुधार के निर्देश भी दिए हैं।
श्रमिकों के कौशल विकास में नक्सल प्रभावित जिले आगे
प्रदेश में ‘उन्नति’ परियोजना के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए इस साल अब तक 1570 मनरेगा श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया गया है। इसमें नक्सल प्रभावित जिलों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। बस्तर संभाग के सात जिलों में से छह ने लक्ष्य के 72 प्रतिशत या इससे ज्यादा श्रमिकों का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है। दंतेवाड़ा जिले में निर्धारित लक्ष्य से अधिक संख्या में श्रमिकों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। वहां लक्ष्य के 132 प्रतिशत श्रमिकों का कौशल उन्नयन किया गया है। बेमेतरा और धमतरी भी प्रशिक्षण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। रायगढ़ ने 92 प्रतिशत, सरगुजा ने 90 प्रतिशत, सुकमा और कोंडागांव ने 84-84 प्रतिशत, रायपुर ने 79 प्रतिशत, बस्तर और बीजापुर ने 77-77 प्रतिशत तथा नारायणपुर और दुर्ग जिले ने निर्धारित लक्ष्य के 72-72 प्रतिशत श्रमिकों का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है।