कलेक्टर नम्रता गांधी ने समस्त शासकीय सेवकों के वेतन-भत्तों से संबंधित देयकों (माह-मार्च के वेतन देयक को छोड़कर) का भुगतान माह के अंतिम दो कार्य दिवसों में करने के निर्देश दिये गये है। नवीन अंषदायी पेंशन योजना के अभिदाताओं (सदस्यों) का मासिक अंशदान विलंब से एन.एस.डी.एल. को अंतरित होने के वजह से कर्मचारियों को उस माह के ब्याज से वंचित होना पड़ता है। उक्त स्थिति निर्मित न हो इस कारण शासन ने निर्णय लिया है कि शासकीय सेवकों के मासिक वेतन का भुगतान माह के अंतिम दो कार्य दिवसों में किया जावेगा। मासिक वेतन का आहरण समय से नही होने की स्थिति में आहरण एवं संवितरण अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने एवं विलंब की स्थिति में अभिदाता को होने वाले ब्याज हानि की वसूली उसके वेतन से करने के निर्देश है। साथ ही विलंब की स्थिति में आहरण एवं संवितरण अधिकारी का वेतन देयक पृथक से प्रस्तुत किया जावे। जिले के समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शासकीय सेवकों का मासिक वेतन देयक उसके देयता तिथि से कम से कम 05 कार्य दिवस पूर्व कोषालय में प्रस्तुत करेगें अन्यथा वित्त निर्देश 14/2018 अनुसार संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के विरूद्ध उनके स्वयं के वेतन भत्ता से नवीन अंषदायी पेंषन योजना के सदस्यों के खाते में ब्याज की राषि काट कर जमा की जावेगी, उक्त कृत्य के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगें।
जिला कोषालय अधिकारी श्री बी.के. तिवारी ने बताया कि महालेखाकार कार्यालय द्वारा संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का ऑनलाईन जीपीएफ फाइनल पेयमेंट प्राधिकार पत्र/ऑनलाइन पेंशन प्रकरण संबंधित कार्यालय को प्रेषित किया जाता है। प्रायः देखने में आ रहा है कि महालेखाकार द्वारा प्राधिकार पत्र जारी करने के पश्चात् भी संबंधित कार्यालयों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में देयक तैयार कर भुगतान हेतु कोषालय में देयकों का प्रस्तुतीकरण नही किया जा रहा है। वित्त विभाग के वित्त निर्देशानुसार महालेखाकार कार्यालय से ई-प्राधिकार पत्र जारी होने के 07 कार्य दिवसों मे देयक तैयार कर कोषालय में अनिवार्यतः प्रस्तुत किया जाये। अतः समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि महालेखाकार/संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय से जारी जी.पी.एफ. अंतिम भुगतान का प्राधिकार/ ऑनलाइन पेंशन प्रकरण प्राप्ति के उपरांत देयक भुगतान हेतु कोषालय में प्रस्तुत करें तथा की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी से साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में अवगत करावें। उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें।