कोरिया : कलेक्टर श्री धावड़े के संवेदनशील प्रयासों से जिले में प्रशासनिक सुविधाओं का विस्तार, ग्रामीण और आदिवासी जनता को मिला उनका हक और सुविधाएं

कलेक्टर श्री श्याम धावड़े के मार्गदर्शन में जिले में शहरों से लेकर दूरस्थ वनांचल तक नागरिकों के लिए प्रशासनिक सुविधाओं का विस्तार हुआ है। जिले के सुदूर वनांचलों तक जिला प्रशासन द्वारा शिविर के माध्यम से प्रशासनिक सुविधाएं अंतिम छोर तक पहुँचाने की इस संवेदनशील पहल से ग्रामीण और आदिवासी जनता को उनका अधिकार मिला है। लोगों की मदद करने की मंशा से जिले के सभी विकासखण्डों में लगाए गए जनचौपालों में उनकी समस्याएं सुनकर त्वरित निराकरण किया गया और विशेष अभियान चलाकर राजस्व प्रकरणों, जाति, आय व निवास प्रमाणपत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, वन अधिकार पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज लोगों को प्रदान कर उनकी मदद की गई।

दूरस्थ वनांचलों तक पहुंची संस्थागत प्रसव की सुविधा
स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के लिए आवश्यक सामग्री के साथ अधोसंरचनाओं का निर्माण कराया गया है। जिले के दुर्गम वनांचल क्षेत्र सोनहत विकासखण्ड के आनंदपुर और खड़गवां विकासखण्ड के पटमा में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन सहित 7 सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति दी गयी है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में जिले में 70 उपस्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव की सुविधा थी, दूरस्थ ग्रामों तक स्थित केन्द्रों में आवश्यक सामग्री और सुविधाएं उपलब्ध कराकर संस्थागत प्रसव अब 120 उपस्वास्थ्य केन्द्रों तक सुलभ कराया गया है।

विशेष अभियान चलाकर आदिवासी जनता के हर कदम पर ज़रूरी जाति प्रमाण पत्र बनाये गए, 33 हज़ार से ज्यादा स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी करने के नियमों में सरलीकरण किया गया जिसपर त्वरित कार्य करते हुए कलेक्टर श्री धावड़े के निर्देश पर विशेष पिछड़ी जनजातियों सहित अनुसूचित जातिए जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में चिन्हित जाति प्रमाण पत्र को कोरिया जिले में प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है।
विशेष अभियान चलाकर जिले में 5 महीनों में ही 33 हजार 337 छात्र.छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र जारी किये गए हैं।

जिले में 15384 व्यक्तिगत और 1679 सामुदायिक वनाधिकार पट्टे जारीए पात्र हितग्राही वंचित ना रहे, निरस्त वनाधिकारों की समीक्षा जारी
जिले में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पराम्परागत वनवासियों के अधिकारों का संरक्षण करते हुए बडी संख्या में व्यक्तिगत वनाधिकार और सामुदायिक वनाधिकार के साथ सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के पत्रकों का वितरण किया गया है। जिले में 15 हजार 384 व्यक्तिगत वनाधिकार दावोंए 1514 सामुदायिक वनाधिकार दावों और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के 165 प्रकरणों में भूमि का अधिकार पात्र हितग्रहियों को सौंपा गया है। साथ ही कोरिया जिले में वनाधिकार पत्रकों से कोई भी पात्र हितग्राही वंचित न रह जायेए इसके लिए जिले के पांचों विकासखण्ड़ों में शिविर लगाकर नए आवेदन लिए गए और निरस्त व्यक्तिगत वनाधिकार दावों की पुर्नसमीक्षा की जा रही है।

5 महीनों में ही 18 हज़ार से ज्यादा केसीसी जारी
किसानों को शासन की लाभकारी योजनाओं से जोड़ने और किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त करने जिला प्रशासन द्वारा विशेष पहल करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया। इस अभियान के तहत विगत 6 माह में जिला सहकारी बैंक के साथ जिले के अन्य बैंकों का समन्वय स्थापित कराते हुए किसानों से आवेदन प्राप्त कर उन्हें मौके पर ही किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान की जा रही है। पूर्व में जिले में 32 हजार 385 किसानों के पास क्रेडिट कार्ड उपलब्ध थे। प्रशासन की विशेष पहल के बाद 5 महीनों में ही 18 हजार 335 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये है।

खण्ड स्तरीय शिविरों के जरिये लगभग 150  दिव्यांगजनों को मिला सहारा
ग्रामीण जनता की मांग एवं समस्याओं को सुनने और उनके त्वरित निराकरण से लोगो की मदद करने की मंशा से जिला प्रशासन द्वारा आयोजित शिविरों में बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए सहायक उपकरण वितरित किये गए। सभी विकासखण्डों के लगभग 150 दिव्यांगजनों को ट्राईसाईकलए व्हीलचेयरए ब्लाइंड स्टिकए श्रवण यंत्र उपलब्ध कराए गए।

नहर सुधार से अंतिम गांव तक पहुंच रहा पानी
ग्रामीण अर्थव्यस्था का पूरा दारोमदार कृषि से जुड़ा हुआ है इसके मजबूती के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक किसान को सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिले। कलेक्टर श्री धावड़े ने जिले में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 28 जलाशयों के सुधार तथा नहरों के मरम्मत कार्य के लिए 4 करोड़ 83 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान दी। नहर सुधार के कार्य से लगभग 12 हजार हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि तक आसानी से पानी पहुंचा।

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