जल जीवन मिशन के अंर्तगत पेयजल गुणवत्ता परीक्षण कार्य में छत्तीसगढ़ राज्य ने अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है। राज्य के 16 जिला स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को NABL (नेशनल एक्रीडीटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एण्ड कैलीब्रेशन लेबोरेटरीज) मान्यता प्राप्त हो चुकी है, जिसमें दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा, रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, मुंगेली, कांकेर एवं जगदलपुर जिले की जल परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल हैं। शेष बचे आठ जिलों द्वारा भी छ।ठस् हेतु पूर्ण तैयारी उपरांत आवेदन कर दिया गया है।
जल जीवन मिशन द्वारा सब डिविजन स्तरीय प्रयोगशालाओं को भी मार्च 2022 तक NABL मान्यता प्राप्त करने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। जल जीवन मिशन के माध्यम से प्रदेश की आम जनता को अपने निजी स्रोत के जल परीक्षण अपने जिला मुख्यालय के छ।ठस् मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से कराये जाने की सुविधा प्राप्त हो चुकी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों के FTK के माध्यम से परीक्षण के क्षेत्र में राज्य द्वारा नये कीर्तिमान रचते हुये 11,642 (99.8 प्रतिशत) ग्राम पंचायतों में ट्रेनिंग कार्यक्रम पूर्ण किया जा चुका है। अब तक 11.642 ग्राम पंचायतों में 79,689 महिलाओं को ‘जल बहिनी‘ के रूप में जल परीक्षण की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस वर्ष अब तक 3,13,501 अर्थात 65 प्रतिशत पेयजल स्रोतों का केमिकल जल परीक्षण किया जा चुका है।
अब तक राज्य में 7,66,733 परिवारों (15.78 प्रतिशत) को घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराये जा चुके हैं तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों अनुरूप जल जीवन के माध्यम से एक अप्रैल 2021 के बाद अब तक दो लाख परिवारों को घरेलु कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। अब तक राज्य के कुल 132 ग्रामों के शत प्रतिशत परिवारों को क्रियाशील घरेलु नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है। जल जीवन मिशन के अंर्तगत संचालित होने वाली नल जल योजनाओं के संचालन संधारण कार्य हेतु कौशल प्रशिक्षण के रूप में 19 जिलों के 1471 युवाओं को जल मितान के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, तथा लगातार प्रशिक्षण कार्य जारी है।
23 दिसंबर से 26 जनवरी तक जल जीवन मिशन के अंर्तगत राज्य में सोशल मीडिया कैम्पेन चला कर जन आन्दोलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें “आज पानी की क्या कहानी है‘‘ के तहत विभिन्न जिलों में प्रतिदिन हो रहे बेस्ट प्रैक्टीस एवं पेयजल से संबंधित जन जागरूकता के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है।