विगत दिवस ग्राम बिंजाम में कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाड़ा के वैज्ञानिकों द्वारा समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन योजना अंतर्गत बीज वितरण एवं दलहनी फसलों का ट्राईकोडर्मा से बीजोपचार की विधि बताई गई। कार्यक्रम के शुरूआत में श्री डिप्रोशन बजारा (विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान) ने किसानों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत की। समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन योजना अंतर्गत पूरे जिले में 25-25 एकड़ में क्रमशः चना एवं मटर तथा 25 एकड़ सरसों की खेती का प्रदर्शन किया जायेगा। चना एवं मटर की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि चना एवं मटर की खेती मध्यम से भारी भूमि में की जाती है, किन्तु कन्हार भूमि अधिक उपयुक्त है। इन फसलों की बुआई का उचित समय 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक किया जा सकता है। श्री बंजारा ने किसानों को कतार बोनी हेतु प्रेरित किया और बताया कि कतार बोनी करने से बीज दर को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है जिससे बीज में लगने वाली लागत आधी हो जायेगी एवं निंदाई गुडाई करने में आसानी होगी।
सुश्री पूनम कश्यप (यंग प्रोफेशनल-2) ने ट्राईकोडर्मा द्वारा बीजोपचार के बारे में बताते हुए कहा कि ट्राईकोडर्मा एक बायोएजेन्ट है जिससे फसल में होने वाली बीमारियों से फसल को बचाया जा सकता है। साथ ही चने में बीज उपचार की विधि को प्रदर्शन करते हुए बताया कि 1 किलोग्राम चने को 5 ग्राम ट्राईकोडर्मा द्वारा उपचारित करने से चने में लगने वाली बिमारियां जैसे जड गलन, उकठा रोग इनको नियंत्रित किया जा सकता है। तत्पश्चात श्री विक्की कुमार नेताम (यंग प्रोफेशनल-2) द्वारा जैव उर्वरकों के बारे में जानकारी बताई गई जिसमें उन्होंने बताया कि 10 किलोग्राम चने में 250 ग्राम राईजोबियम जेड. एस.बी. के.एस.बी. एवं पी.एस.बी. का उपयोग किया जाता है। इस उपचार द्वारा फसल में अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। इस कार्यक्रम में 50 किसानो ने भाग लिया जिन्हे चना एवं मटर बीज का वितरण किया गया।