मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप प्रदेश में एक दिसम्बर से खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होगी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। इस खरीफ वर्ष में लगभग 22.66 लाख पंजीकृत किसानों से 2399 सहकारी समितियों के माध्यम से धान उपार्जन किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत किसानों से लगभग 105 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का अनुमान है। इस वर्ष किसानों-ग्रामीणों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा 88 नवीन धान उपार्जन केन्द्रोें को प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के तहत समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की नकद एवं लिंकिंग के माध्यम सें खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक तथा मक्का की खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए औसत अच्छी किस्म के धान के लिए समर्थन मूल्य की दर, धान कॉमन 1940 रूपए प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए 1960 रूपए प्रति क्विंटल तथा औसत अच्छी किस्म के मक्का का समर्थन मूल्य 1870 रूपए प्रति क्विंटल का दर निर्धारित है।
अधिकारियों ने बताया कि 105 लाख मीटरिक टन धान खरीदने के लिए सवा पांच लाख गठान बारदाने की जरूरत पड़ेगी। जूट कमिश्नर के माध्यम से राज्य को 86 हजार जूट बारदाने प्राप्त हो चुके हैं। भारत सरकार द्वारा राज्य को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किये जाने की सहमति प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य शासन द्वारा उचित मूल्य की दूकानों और मिलरों के माध्यम से लगभग एक लाख गठान बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है तथा ओपन मार्केट से लगभग 1.13 लाख गठान एचडीपीई-पी.पी. बारदाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को बारदाना क्रय, वितरण, केन्द्रीय तथा अन्य अधिकारियों से नियमित समन्वय के लिए ओ.एस.डी नियुक्त किया गया है। साथ ही किसानों द्वारा सुगमतपूर्वक धान विक्रय किया जा सके इस उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी के पहले दिन से ही किसानों को स्वयं के बारदानों में धान विक्रय की अनुमति दे दी गयी है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि धान खरीदी व्यवस्था के सुचारू एवं पारदर्शी रूप से संचालन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। इन नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन धान खरीदी तथा अन्य व्यवस्था व समस्याओं से संबंधित स्थितियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। यदि इन नोडल अधिकारियों के प्रभार वाले खरीदी केन्द्रों में गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके लिए नोडल अधिकारी जवाबदेह होंगे। इसके अलावा राज्य के किसानों के ही उत्पाद खरीदी केन्द्रों में आए इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सीमाओं के संवेदनशील क्षेत्रों में चेक-पोस्ट लगाकर पुलिस, राजस्व एवं खाद्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा कड़ी निगरानी की जा रही है। वहीं अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर टीम द्वारा धान जप्त कर सख्त कार्यवाही भी की जा रही है।