मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सड़क दुर्घटना के कारणों की समीक्षा और सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे जंक्शन जहां दुर्घटना अधिक हो रहे है, जिलेवार सघन अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही करें।
मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि प्रदेश में आम नागरिकों को हेलमेट, सीटबेल्ट का उपयोग करने तथा सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम चौपाल के जरिए नागरिकों को सड़क दुर्घटना के बचाव के लिए जागरूक करें। उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक से कहा कि जिलों में सड़क सुरक्षा के लिए जन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से किया जाना चाहिए। प्रत्येक महीने में जिले स्तर पर सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक होनी चाहिए। श्री जैन ने निर्देश दिए कि यातायात के नियमों के प्रति विद्यार्थियों एवं पालकों में अधिक जागरूकता लाने के लिए क्विज प्रतियोगिता जिला स्तर, संभाग स्तर, राज्य स्तर पर इसका आयोजन समय-समय पर होता रहना चाहिए और विजेता को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। पशु पीड़ित सड़कों एवं चौक-चौराहों का चिन्हांकित कर जन सामान्य की सड़क सुरक्षा को विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों का दूसरे राज्यों से तुलनात्मक अध्ययन करने के भी निर्देश दिए, जहां सड़क दुर्घटना में कमी आयी है।
अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष श्री संजय शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में वाहन में जीपीएस की मॉनिटरिंग के लिए अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) को दिया गया है। राज्य में विद्यालयों में कक्षा पहली से दसवीं तक में अनिवार्य रूप से सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों को शामिल किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत पाठ्यपुस्तकों में यातायात शिक्षा सामग्री, विद्यार्थियों में सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता एवं सजगता के उन्नयन के लिए कार्यक्रम, स्कूल बस संचालन में मानक व्यवस्था स्थापित करने संबंधित कार्यवाही पर चर्चा हुई। विद्यालयों में कौन बनेगा सड़क सुरक्षा चैम्पियन जैसे कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क भी दिए जा रहे है। अब तक विद्यालयों में यातायात संबंधित नियमों पर आधारित 4578 क्विज का आयोजन किया जा चुका है और विजेता अपना सर्टिफिकेट ऑनलाइन प्राप्त कर रहें है।
बैठक में लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, पीएमजीएसवाय के अंतर्गत पूर्व में चिन्हित ब्लैक स्पॉट का सुधार, नए ब्लैक स्पॉट की पहचान एवं सुधार हेतु नियत प्रोटोकॉल तथा सुधार कार्य की प्रगति, विभिन्न मार्गाे पर सुरक्षा हेतु किए गए उपाय, प्रमुख नए मार्गों पर वाहन चालकों हेतु संस्थापित सुविधाएं, सड़क सुरक्षा की दृष्टि से रोड डिजाईन सुनिश्चित करने हेतु की गयी कार्यवाही, मुख्य सड़कों की सड़क सुरक्षा ऑडिट की विस्तृत जानकारी दी गई।
बैठक में परिवहन विभाग के अंतर्गत नए मोटरयान अधिनियम के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति, ओव्हरलोड वाहनों की कार्यवाही, सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटना रोकने के अन्य उपाय पर चर्चा हुई। स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य में ट्रामा सेंटर की स्थिति, शासकीय एवं निजी एंबुलेंस की मैपिंग पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। पुलिस विभाग के अंतर्गत वर्तमान सड़क सुरक्षा परिदृश्य एवं सड़क सुरक्षा कोष, यातायात नियमों के उल्लंघन पर प्रवर्तन कार्यवाही, यातायात नियमों के पालन हेतु जागरूकता अभियान की जानकारी दी गई। इसी प्रकार नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत सड़कों पर वाहन चालकों को प्रभावित करने वाले साइन-बोर्ड एवं होर्डिंग तथा जानवरों को हटाने के संबंध में भविष्य की कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी गई। बैठक में सुप्रीम कोर्ट ऑन रोड सेफ्टी के दिशा-निर्देशों का अनुपालन के संबंध में चर्चा हुई। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) को सुचारू संचालन के संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
बैठक में सचिव लोक निर्माण श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, अपर परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा, एडिशनल डीजी टैªफिक श्री प्रदीप गुप्ता, परिवहन आयुक्त श्री टोपेश्वर वर्मा, अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) अध्यक्ष श्री संजय शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के महाप्रबंधक श्री एस.चौधरी, जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।