मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शासन की राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के प्रारंभ होने पर भूमिहीन मजदूरों और पौनी पसारी व्यवस्था से जुडे़ लोगों में बेहद उत्साह है। राज्य शासन ने योजना के माध्यम से ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों के बेहतर भविष्य के लिए आर्थिक मदद का हाथ बढ़ाया है। योजना के तहत पात्र हितग्राही परिवार को सालाना 06 हजार रूपये का आर्थिक अनुदान प्राप्त होगी।
जिले के विकासखण्ड खड़गवां के ग्राम कोडांगी के श्री राम उजागर, बरमपुर के धरमपाल, कौड़ी के रामचरित, मोहन और अर्जुन जैसे हितग्राही संबंधित ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पंजीयन के लिए आवेदन दे चुके हैं। उनका कहना है कि शासन ने यह योजना प्रारंभ कर ग्रामीण कृषि भूमिहीन कृषि मजदूरों को सहारा दिया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की जनहितैषी इस महत्वाकांक्षी योजना से भविष्य के खर्चों में मदद मिलेगी। इसी तरह विकासखण्ड सोनहत के ग्राम अकलासरई के मोहन और कैलाशपुर के मानसाय ने भी कहा कि हम जैसे कृषि मजदूरों के लिए पहले कोई योजना नहीं थी। उन्होंने योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को आर्थिक रूप से सम्बल प्रदान करेगी।
जिले में राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत अब तक 5 हज़ार 113 आवेदन जमा किये गए हैं। जिनमे बैकुंठपुर से 1 हज़ार 129, सोनहत से 467, खड़गवां से 755, मनेन्द्रगढ़ से 1409 और भरतपुर से 1 हज़ार 353 आवेदन पंचायतों में जमा किये गए हैं।
ग्राम पंचायत स्तर पर राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए पंजीयन 01 सितम्बर से शुरू हो गया है। मजदूर परिवार के मुखिया योजना का लाभ लेने के लिए 30 नवम्बर तक पंजीयन करा सकते है। पंजीकृत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारो को 06 हजार रूपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूर के अलावा चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार के अलावा वनोपज संग्राहक परिवार भी लाभान्वित होंगे।