जल जीवन मिशन के तहत जिला जल एवं स्वच्छता समिति की साप्ताहिक बैठक कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा की अध्यक्षता में आज सुबह आयोजित की गई, जिसमें मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। कलेक्टर ने जिले में स्थित शासकीय भवनों जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन आदि में नल कनेक्शन की स्थिति का सत्यापन एक सप्ताह में करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए। साथ ही अगली बैठक में इसकी पूर्ण जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने मिशन के कार्यों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा कम्युनिटी मोबिलाइजेशन करने पर विशेष तौर पर बल देते हुए दोनों कार्य साथ-साथ करने के लिए कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह आयोजित बैठक में कलेक्टर ने रेट्रोफिटिंग एवं सिंगल विलेज जल प्रदाय योजना के तहत लंबित निर्माण कार्यों पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें जल्द प्रारम्भ कर पूर्ण कराने के लिए संबंधित ठेकेदार को निर्देश देने के लिए कहा, ताकि कोई भी निर्माण कार्य लंबित स्थिति में न रहे। इसके अलावा उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत सभी निर्माण कार्यों की योजनावार समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में उपस्थित जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने कहा कि इसके प्रारम्भिक चरण में ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त मद से राशि लगाई जाएगी तथा शेष कार्यों की राशि का भुगतान जलजीवन मिशन से किया जाएगा। उन्होंने सभी पेयजल योजनाओं के छूटे हुए कार्यों की सूची ग्राम पंचायत से लेकर प्रस्तुत करने के निर्देश कार्यपालन अभियंता को दिए।
बैठक में जलजीवन मिशन के तहत संचालित रेट्रोफिटिंग जलप्रदाय योजना की जानकारी देते हुए कार्यपालन अभियंता ने बताया कि एफएचटीसी के तहत 262 के लक्ष्य के विरूद्ध सभी योजनाओं की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के उपरांत सभी योजनाएं तैयार हो चुकी हैं। इसी तरह सिंगल विलेज जलप्रदाय योजना के तहत 361 के लक्ष्य के विरूद्ध 170 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 165 की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के उपरांत 99 के विरूद्ध निविदा आमंत्रित कर आगे की प्रक्रिया जारी है तथा 56 कार्यों की निविदा किया जाना शेष है। उन्होंने यह भी बताया कि सोलर आधारित पेयजल के 80 प्रकरणों में से सभी की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी एवं इनमें से 58 कार्य प्रगति पर हैं। बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।