Periods Hygiene: जो महिलाएं पीरियड्स में अपनाती हैं ये आदतें, उन्हें मिलता है ऐसा फायदा

पीरियड्स महिलाओं के स्वास्थ्य का एक जटिल हिस्सा है. जो कि उनके संपूर्ण स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव डालता है. अगर पीरियड्स के दौरान महिलाएं साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखेंगी, तो उनका स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है. इसलिए महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए पीरियड्स के दौरान कुछ आदतों को जरूर अपनाना चाहिए. आइए इनके बारे में जानते हैं.

पीरियड्स क्यों होते हैं? (What is Periods and Why periods happens)
नोएडा स्थित Jaypee Hospital के Department of Obstetrics & Gynaecology की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. ज्योती मिश्रा ने बताया कि पीरियड्स को Menstruation भी कहा जाता है. जब महिला के गर्भाशय यानी यूट्रस (Uterus) की अंदरुनी परत खुद को संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार करती है, तो वह उभर जाती है और रक्त वाहिकाओं से परिपूर्ण हो जाती है. लेकिन जब प्रेग्नेंसी नहीं होती, तो गर्भाशय की उभरी हुई परत ब्लीडिंग के साथ गिरने लगती है. यह ब्लीडिंग आमतौर पर 3 से 8 दिन तक रह सकती है.

Periods Hygiene Tips: पीरियड्स के दौरान महिलाएं जरूर अपनाएं ये आदतें
पीरियड्स या माहवारी के दौरान महिलाओं को साफ-सफाई से जुड़ी इन आदतों को जरूर अपनाना चाहिए. जिनके बारे में डॉ. ज्योति मिश्रा ने जानकारी दी है.

पीरियड्स के दौरान पूरे दिन में कम से कम 2 बार नहाएं और खुद को अच्छी तरह साफ करें. नहाने के दौरान प्राइवेट पार्ट्स को साफ करने और कीटाणु-रहित रखने का मौका मिलता है.
वजायनल हाइजीन को सही रखने के लिए हर 4 से 6 घंटे में सैनेटरी नैपकिन या टैंपून को बदलें. क्योंकि, पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग कई सूक्ष्मजीवों को आकर्षित करती है, जो कि रक्त की गर्माहट में काफी जल्दी विकसित होते हैं. इसके कारण जलन, रैशेज और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा हो सकता है.
संवेदनशील अंगों तक पर्याप्त हवा जाने और पसीना, बदबू व संक्रमण से बचने के लिए टाइट नहीं ढीले कपड़े पहनें.
टॉयलेट में सैनेटरी नैपकिन फ्लश ना करें, इससे टॉयलेट ब्लॉक हो सकता है. नैपकिन को अखबार में अच्छी तरह लपेटें और कचरे में डालें.
अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण पैड रैशेज हो सकते हैं, जिसके लिए डॉक्टर से अच्छे ऑइंटमेंट के बारे में जानकारी लें. पीरियड्स के दौरान खुद को ड्राई रखें.
महिलाओं का जननांग खुद को साफ करने की क्षमता रखता है. इसलिए उसे सिर्फ माइल्ड साबुन से साफ कर सकती हैं. खुशबूदार व बाजार के प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने से वजायना का पीएच बैलेंस बिगड़ सकता है.
संवेदनशील त्वचा वाली महिलाओं को प्लास्टिक लाइनिंग वाले सैनेटरी पैड्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इससे खुजली और छाले हो सकते हैं.
हर बार पेशाब जाने के बाद वजायना को साबुन या हाइजीन प्रॉडक्ट्स से ना साफ करें. इससे गुड बैक्टीरिया नष्ट हो सकते हैं. आपको बस गुनगुने पानी से जननांगों को धोना चाहिए.
ध्यान रखें कि हर बार सैनेटरी पैड्स, टैंपून या मेंस्ट्रुअल कप बदलने के बाद अपने हाथों को साबुन व गुनगुने पानी से धोना है. एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य के लिए मेंस्ट्रुअल हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

 

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