कुपोषण एवं एनीमिया कमी लाने के उद्देश्य से प्रदेश में एक से 30 सितम्बर तक जन-आंदोलन के रूप में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान जनसमुदाय में पोषण और स्वच्छता संबंधी जागरूकता और उनमें व्यवहार परिवर्तन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 से पूरे देश में पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है।
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास द्वारा आयोजित पोषण पखवाड़ा में राज्य सरकारों सहित विभिन्न डेव्हलेपमेंट संस्थाओं द्वारा सक्रिय सहयोग कर गांव-गांव तक लोगों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग ने पोषण पखवाड़े के दौरान जन-जागरूकता के लिए दैनिक गतिविधियों का कैलण्डर तैयार किया है। पोषण पखवाड़े के दौरान तीज, गणेश चतुर्थी त्यौहारों को पोषण और स्वास्थ्य गतिविधियों से जोड़ते हुए गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
वृक्षारोपण, पोषण वाटिका निर्माण, योग सत्र केे कई कार्यक्रम होंगे और नारा लेखन, निबंध, स्लोगन, रंगोली और व्यंजन प्रतियोगिता जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। लोगों को प्रसव पूर्व जांच, गर्भावस्था तथा स्तनपान के दौरान पोषण और एनीमिया पर परामर्श दिया जाएगा। इस दौरान गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन और प्रबंधन के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और पंचायत प्रतिनिधियों के लिए उन्नमुखीकरण कार्यक्रम होंगे। इस अभियान से स्कूलों को जोड़ते हुए छात्र-छात्राओं के लिए कई गतिविधियां आयोजित होंगी। पोषण व्यवहार में परिवर्तन के लिए अधिक से अधिक पुरूषों को अभियान से जोड़ने की कोशिश की जाएगी, इसके लिए स्थानीय स्तर पर कई कार्यक्रम होंगे।