मध्य प्रदेश के एक इलाके के आदिवासी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रोज पूजा करते हैं. उन्हें देवी मानते हैं. उन्होंने इंदिरा गांधी की प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनाया है
मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले के झिरनिया क्षेत्र के पड़लिया गांव में ये मंदिर है. यह आदिवासी बहुल्य इलाका है, यहां इंदिरा गांधी की आदम कद प्रतिमा है और उस स्थान को मंदिर का रूप दिया गया है.
इस स्थान की दीवारें जहां तिरंगे के रंग से रंगी हुई हैं तो वहीं इंदिरा गांधी बॉर्डर वाली साड़ी पहने हुए हैं. मंदिर 14 अप्रैल 1987 को बनवाया गया था. यह प्रतिमा जयपुर से मंगाई गई थी.
स्थानीय लोगों का कहना है, “आदिवासी समाज में एक परंपरा चली आ रही है कि जब किसी महिला की असमय मृत्यु होती है तो उसे सती का दर्जा भी दिया जाता है और देश की पूर्व प्रधानमंत्री के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था, इसलिए आदिवासियों ने उन्हें सती का दर्जा देते हुए प्रतिमा स्थापित की थी. इस प्रतिमा स्थल पर नियमित रूप से पूजा होती है, अगरबत्ती आदि लगाई जाती है, जब भी किसी नेता का यहां आना होता है तो वह भी इंदिरा गांधी की प्रतिमा की पूजा करता है.”
क्षेत्र के लोग बताते हैं कि उनके यहां जब भी कोई धार्मिक या सामाजिक आयोजन होता है, तब मंदिर जाकर पूजा की जाती है, यहां तक की जब शादी कर नया जोड़ा गांव आता है तो वह अन्य देवी देवताओं के स्थल के साथ इंदिरा गांधी के मंदिर में आकर भी पूजा-अर्चना करता है.