कोरबा में जंगली हाथियों का आतंक जारी ,रिहायशी इलाकों में  कर रहे तोड़फोड़

कोरबा : कटघोरा वन मंडल में हाथियों का उत्पात जारी है. बीते कुछ साल से कटघोरा वन मंडल का जंगल हाथियों को भा गया है. यहां अब एक तरह से हाथियों का स्थाई निवास बन गया है. मुसीबत तब पैदा होती है, जब हाथी रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर जाते हैं. धान और महुए की महक से वह ग्रामीणों के घर की ओर आकर्षित होते हैं. जान माल के साथ संपत्ति को भी भारी क्षति पहुंचाते हैं.कटघोरा वन मंडल और कोरिया जिले से लगे सीमावर्ती इलाकों में हाथियों ने ग्रामीणों के मकानों को क्षति पहुंचाई है. रात के समय ग्रामीणों के मकानों को तोड़कर हाथी धान की फसल खा गए. ग्रामीणों को आधी रात को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी.

कुछ दिन पहले ही कटघोरा मंडल के केंदई वन परिक्षेत्र में हाथियों ने एक बाइक सवार को कुचल दिया था. व्यक्ति पेट्रोल खत्म होने के बाद बाइक को धक्का लगाते जा रहा था, तभी हाथियों ने कुचलकर मार डाला था. वन विभाग ऐसे मामलों में मुआवजा प्रकरण तैयार कर औपचारिकता पूरी कर लेता है.बीती रात 7 हाथियों का एक दल कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर में पहुंचा हुआ है. यहां भी हाथियों ने तीन ग्रामीणों के मकान को तोड़ दिया. धान की फसल को चट कर गए. ग्रामीणों में इसे लेकर दहशत कायम है. कोरबा और कोरिया के सीमावर्ती इलाकों में हाथियों ने इस वर्ष ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि वन विभाग की मानें तो वह लगातार हाथियों के मूवमेंट की निगरानी में लगे हुए हैं.

खासतौर पर बरसात के मौजूदा मौसम में हाथी प्रत्येक वर्ष उत्पात मचाते हैं. संपत्ति से लेकर लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है, लेकिन वन मंडल के अफसर कोई खास कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पाते, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है. वन मंडल कटघोरा के अनुसार हाथियों के रहवास का इंतजाम किया जा रहा है. उनके हर मूवमेंट की खबर ली जा रही है. ग्रामीणों को पहले ही सचेत कर हाथियों के करीब ना जाने की समझाइश दी जाती है. बावजूद इसके कुछ ग्रामीण नहीं मानते और जंगल में हाथियों के पास चले जाते हैं, जिससे जानमाल का नुकसान होता है. ऐसे मामलों में हम तत्काल मुआवजा प्रकरण भी तैयार करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *