अक्सर हमें पुलाव बिरयानी की प्लेट में तेजपत्ता नजर आता है जिसे हम बड़े करीने से किनारे कर देते हैं। इसका पेड़ 25 फुट तक ऊंचा होता है और इस पर पीले रंग के फूल लगते हैं। इसमें रासायनिक खोज करने पर तीन तरह के तेल पाए गए हैं। उतपत्त तेल, यूजीनाल और आइसो यूजीनाल। इसे हिन्दी में तेजपात्ता और संस्कृत में तमालपत्र कहते हैं।
औषधीय गुण
•दमा: तेजपत्ता, पीपल,अदरक, मिश्री सभी को बराबर मात्र में लेकर चटनी पीस लीजिए। 1-1 चम्मच चटनी रोज खाएं 40 दिनों तक फायदा सुनिश्चित है।
•दांतों के लिए: सप्ताह में तीन दिन तेजपत्ता के बारीक चूर्ण से मंजन कीजिए। दांत मजबूत होंगे, दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा, ठंडा गरम पानी नहीं लगेगा, दांत मोतियों की तरह चमकेंगे।
•कीड़े से बचाने के लिए: कपड़ों के बीच में तेजपत्ता के पत्ते रख दीजिए, ऊनी, सूती, रेशमी कपड़े कीड़ों से बचे रहेंगे। अनाजों के बीच में 4-5 पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे। उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी।
•शारीरिक दुर्गन्ध: अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है, वे लोग तेजपत्ता का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोजे पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न। वैसे भी अंदरूनी कपडे़ और मोज़े तो रोज धुलने चाहिए। मुंह से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात्ता का टुकड़ा चबाया करें। बगल के पसीने से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात्ता का चूर्ण पावडर की तरह बगलों में लगाया करें।
•आंखों की रोशनी: अगर अचानक आंखों कि रोशनी कुछ कम होने लगी है तो तेजपत्ता के बारीक चूर्ण को सुरमे की तरह आंखों में लगाएं। इससे आंखों की सफाई हो जायेगी और नसों में ताजगी आ जायेगी जिससे आपकी दृष्टि तेज हो जायेगी। इस प्रयोग को लगातार करने से चश्मा भी उतर सकता है।
•गैस: पेट में गैस की वजह से तकलीफ महसूस हो रही हो तो 3-4 चुटकी या 4 मिली ग्राम तेजपत्ता का चूर्ण पानी से निगल लीजिए। एसीडिटी की तकलीफ में इसका लगातार सेवन बहुत फायदा करता है और पेट को आराम मिलता है।
•हार्ट प्राब्लम: तेजपत्ता का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए, आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा, कभी हृदय रोग नहीं होंगे।
•हकलाना: तेजपात के टुकड़ों को जीभ के नीचे रखा रहने दें, चूसते रहे। एक माह में हकलाना खत्म हो जाएगा।
•जुकाम: दिन में चार बार चाय में तेजपत्ता उबाल कर पीजिए, जुकाम-जनित सभी कष्टों में आराम मिलेगा। या चाय में चायपत्ती की जगह तेजपत्ता डालिए। खूब उबालिए, फिर दूध और चीनी डालिए।
•पेट दर्द: पेट की किसी भी बीमारी में तेजपत्ते का काढा बनाकर पीजिए। दस्त, आंतों के घाव, भूख न लगना सभी में आराम मिलेगा।