काशी में गंगा का रौद्र रूपः : सड़कों पर बहती धाराओं के बीच तटीय कॉलोनियों के लोग छोड़ रहे घर

तटीय कालोनियों में रहने वाले लोग घर छोड़ने पर विवश हो गए। गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा इस समय खतरे के निशान 71.26 से 62 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।जीवनदायिनी गंगा के रौद्ररूप से काशी की मुसीबतें बढ़ने लगी हैं और घाटों से काफी आगे निकल चुकी गंगा की धारा अब सड़कों पर प्रवाहित हो रही है। खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव जारी है। हालत यह है कि अब पानी शहर की ओर बढ़ता जा रहा है।

इससे कई जगहों पर आवागमन बाधित है तो कई जगहों पर कालोनियों में पानी भरने की वजह से लोग घर छोड़कर दूसरे जगहों पर रहने को मजबूर हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा इस समय खतरे के निशान 71.26 से 62 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। आने वाले समय में जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

मध्य प्रदेश और राजस्थान में नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से ही बनारस में भी गंगा में बढ़ाव जारी है। अभी भी दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार को नदी का जलस्तर 71.88 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया। इधर अस्सी घाट के पास चौराहे तक पानी आने के साथ ही सामनेघाट इलाके में भी सड़क किनारे की कालोनियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। उधर गंगा के साथ ही वरुणा में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

राज्यमंत्री ने जाना बाढ़ग्रस्त इलाकों का हाल
राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, रविंद्र जायसवाल ने मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के साथ बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। एनडीआरएफ की नाव से पहुंचे राज्यमंत्री ने इस दौरान लोगों में राहत सामग्रियों का वितरण किया। साथ ही यह भी भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में सरकार की ओर से हर संभव मदद किया जाएगा।

एक नजर में जलस्तर 
चेतावनी बिंदु            70.262 मीटर 
खतरे का निशान         71.262 मीटर
1978          73.90 मीटर 
2013         72.63 मीटर
2016         72.56 मीटर
2019         71.46 मीटर 
2021        71.88 (मंगलवार शाम छह बजे तक)

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