कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का कड़ा विरोध करती है. एक संपन्न और मजबूत लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए ये जरूरी है कि इस पूरे विचार को त्याग दिया जाए.’’
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विषय पर सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि संसदीय शासन व्यवस्था को अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई स्थान नहीं है और उनकी पार्टी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का पुरजोर विरोध करती है.
समिति के सचिव नीतेन चंद्र को भेजे सुझाव में खरगे का ये भी कहना था कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध है और यदि एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की आवश्यकता होगी.
खरगे ने कहा, ‘‘सरकार और इस समिति को शुरू में ही इसको लेकर ईमानदार होना चाहिए था कि वे जो प्रयास कर रहे हैं, वह संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध हैं और यदि एक साथ चुनाव लागू करना है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की आवश्यकता होगी.”
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का कड़ा विरोध करती है. एक संपन्न और मजबूत लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए ये जरूरी है कि इस पूरे विचार को त्याग दिया जाए.”