तापमान के लगातार शून्य से नीचे रहने के कारण डल झील सहित कई जल निकाय जम चुके हैं, जिससे उनकी सतह पर बर्फ की एक पतली परत बन गई है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि श्रीनगर शहर में बुधवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस कम था.
श्रीनगर: कश्मीर में न्यूनतम तापमान में थोड़ी बृद्धि होने से भीषण ठंड की स्थिति से कुछ राहत मिली है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. रात का तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे था और यह अधिकांश स्थानों पर इस मौसम के सामान्य तापमान से अब भी नीचे था.
तापमान के लगातार शून्य से नीचे रहने के कारण डल झील सहित कई जल निकाय जम चुके हैं, जिससे उनकी सतह पर बर्फ की एक पतली परत बन गई है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि श्रीनगर शहर में बुधवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस कम था.
उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस कम से अधिक है.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस नीचे से अधिक है. काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि कोकेरनाग शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया और कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर महीने में यहां बारिश में 79 फीसदी की कमी देखने को मिली. कश्मीर के अधिकांश मैदानी इलाकों में कोई बर्फबारी नहीं हुई है, जबकि घाटी के ऊपरी इलाकों में भी दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम मात्रा में बर्फबारी हुई है.
मौसम विभाग ने बताया कि शुक्रवार को अलग-अलग ऊंचाई वाले इलाकों में थोड़ी हल्की बर्फबारी होने की संभावना है. बताया गया कि सात जनवरी की शाम तक मौसम शुष्क रहेगा, वहीं आठ- नौ जनवरी को जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में हल्की बर्फबारी होने की संभावना है.
कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्ला-ए-कलां’ की चपेट में है. 40 दिनों की सबसे कड़ाके की ठंड की अवधि में क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान काफी गिर जाता है जिससे डल झील सहित जल निकाय भी जम जाते हैं. इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है. अधिकांश क्षेत्रों, विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी भी होती है.
‘चिल्ला-ए-कलां’ 31 जनवरी को समाप्त हो जाएगा. हालांकि, उसके बाद 20 दिनों की ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों की ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ के साथ ठंड की स्थिति जारी रहेगी.