Jammu-Kashmir: राजौरी में आतंकी हमले के बाद सेना ने कुछ स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया, NIA की टीम ने किया दौरा

Jammu-Kashmir Terror Attack: पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के दो वाहनों पर हमले की जिम्मेदारी ली है. सेना ने कुछ स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है, इनसे पूछताछ की जा रही है.

नई दिल्ली/श्रीनगर: 

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir Terror Attack) के पुंछ जिले में गुरुवार (21 दिसंबर) को आतंकवादियों (Terrorist Attack in Jammu-Kashmir) ने भारतीय सेना  (Indian Army)के एक ट्रक और जिप्सी पर घात लगाकर हमला किया. आर्मी के 2 व्हीकल पर हुए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हो गए हैं. 3 जवान घायल हैं. आतंकियों के हमले के बाद भारतीय सेना के जवानों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के दो वाहनों पर हमले की जिम्मेदारी ली है. सेना ने कुछ स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है, इनसे पूछताछ की जा रही है. आतंकी वारदात के विरोध में जम्मू में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. वहीं, नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की एक टीम ने भी वहां का दौरा किया.

सेना की गाड़ियों पर हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को इलाके के वन क्षेत्र में व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. अधिकारियों ने बताया कि ’16वीं कोर’ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (JOC) लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने इलाके का दौरा किया. सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. एक अधिकारी ने कहा कि इलाके की एयर सर्विलांस किया जा रहा है. आतंकवादियों का पता लगाने के लिए स्निफर डॉग स्क्वॉड को भी लगाया गया है. इलाके में रात की घेराबंदी के बाद शुक्रवार सुबह व्यापक घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है. ऑपरेशन जारी है.

डीकेजी में ट्रैफिक बंद
माना जा रहा है कि 3 से 4 हथियारबंद आतंकवादियों ने पहाड़ों से सेना की गाड़ियों को निशाना बनाने के लिए इस क्षेत्र को चुना. अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद आतंकियों ने कुछ जवानों के हथियार लूट लिए. उन्होंने बताया कि ढेरा की गली (डीकेजी) रोड पर ट्रैफिक बंद है. सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारी जमीनी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.

डिफेंस एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता
इस बीच रक्षा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि राजौरी-पुंछ क्षेत्र में आतंकी घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक है. रक्षा विशेषज्ञ कर्नल एस. एस पठानिया ने कहा, “यह चिंता का विषय है. पिछले दो महीनों में यह दूसरी घटना है. यह क्षेत्र हाल तक शांतिपूर्ण था. पिछले दो वर्षों के दौरान यहां 35 सैनिक शहीद हुए हैं. ऐसा क्यों हो रहा है? आतंकवादियों का हौसला इतना क्यों बढ़ गया है?”

जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए आतंकी घटनाओं पर एक नजर
-जम्मू के राजौरी इलाके में 22 नवंबर को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हुए थे. ये मुठभेड़ 34 घंटे चली थी, जिसमें सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था.

-17 नवंबर को राजौरी और कुलगाम में दो अलग-अलग एनकाउंटर में 6 आतंकवादी मारे गए थे. पहला एनकाउंटर 16 नवंबर को कुलगाम में शुरू हुआ, जो 17 नवंबर तक चला. इसमें 5 आतंकी मारे गए थे. ये सभी हाल ही में हुए टारगेट किलिंग में शामिल थे.

– श्रीनगर में 3 अक्टूबर को ईदगाह इलाके में एक आतंकी ने पुलिस इंस्पेक्टर को तीन गोलियां मारी थीं. गोलियां उनके पेट, गर्दन और आंख में लगी थीं. इंस्पेक्टर की पहचान मसरूर अली वानी के रूप में हुई थी. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है.

– जम्मू-कश्मीर में 13 सितंबर को आतंकियों के साथ दो मुठभेड़ में 3 अफसर और दो जवान शहीद हो गए थे. शहीद अफसरों में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और पुलिस के एक DSP शामिल थे.

– सुरक्षाबलों ने 9 अगस्त की रात कोकेरनाग के एथलान गडोले में तीन आतंकी पकड़े. मुठभेड़ के दौरान सेना के जवान समेत 3 लोग घायल हुए. वहीं, उरी में भी सुरक्षाकर्मियों ने लश्कर के 3 आतंकी पकड़े.

-6 अगस्त को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में LoC के पास दो आतंकियों को मार गिराया था. ये आतंकी एओसी के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे. इसी दिन शाम को भी घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक अन्य आतंकवादी को मार गिराया गया था.

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