बीजेपी पर हमला करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा, “17 तारीख तक ऐसे ही कहानी आती रहेगी. कभी कोई नाम आएगा, कभी कुछ आएगा. बीजेपी को पता है कि वो हार रही है. इनको अपने आकाओं के लिए छत्तीसगढ़ की खदानें चाहिए.”
रायपुर:
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Elections 2023) के बीच महादेव बेटिंग ऐप (Mahadev Batting App) का मामला जमकर उछल रहा है. इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को लेकर बड़ा दावा किया है. ईडी ने कहा है कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर ने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए हैं. ईडी के इन आरोपों पर अब सीएम बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है.
रायपुर में मीडिया से बात करते हुए जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ईडी के आरोपों पर सवाल किया, तो उन्होंने कहा, “17 नवंबर तक सब लोग इसका मजा लें. इससे (चुनावों पर) कोई असर नहीं पड़ेगा.” बघेल ने कहा, “मैं कह रहा हूं कि बीजेपी खुद चुनाव नहीं लड़ रही है. वो ईडी और आईटी के जरिए से चुनाव लड़ रहे हैं.”
बीजेपी पर हमला करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा, “17 तारीख तक ऐसे ही कहानी आती रहेगी. कभी कोई नाम आएगा, कभी कुछ आएगा. बीजेपी को पता है कि वो हार रही है. इनको अपने आकाओं के लिए छत्तीसगढ़ की खदानें चाहिए. मैं हर बार कह रहा हूं कि बीजेपी खुद चुनाव नहीं लड़ रही है, वे ईडी और आईटी के जरिए चुनाव लड़ रहे हैं.”
महादेव ऐप समेत 22 सट्टेबाजी वाले ऐप्स और वेबसाइट पर रोक लगाने का आदेश
दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर महादेव ऐप समेत 22 सट्टेबाजी वाले ऐप्स और वेबसाइट पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. ईडी ने अवैध सट्टेबाजी करवाने वाले इस ऐप के सिंडिकेट के खिलाफ जांच की है. इस मामले में जबरदस्त तरीके से छत्तीसगढ़ समेत कई जगहों पर छापेमारी भी की गई है और कई लोगों को दबोचा गया. इन सब कार्रवाइयों के बाद अब इस तरह के सट्टेबाजी वाले ऐप्स पर रोक लगाने का फैसला किया गया है.
ईडी दायर कर चुकी है मामले में चार्जशीट
महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईडी ने 21 अक्टूबर को पहली चार्जशीट दायर की थी. इसमें कुल मिलाकर 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसमें बेटिंग ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और उसका सहयोगी रवि उप्पल शामिल हैं. ईडी ने रायपुर की पीएमएलए कोर्ट को बताया था कि उसने 41 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. जांच एजेंसी का कहना था कि ये मामला 6000 करोड़ रुपये के घोटाले का है.