उद्धव ठाकरे दादर के विशाल शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की दशहरा रैली को संबोधित करेंगे. ये स्थान इस कार्यक्रम का पारंपरिक आयोजन स्थल है जहां बाल ठाकरे चार दशक से अधिक समय तक अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरते रहे.
शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना आज अपनी-अपनी दशहरा रैलियों के जरिये एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन करेंगे. पिछले साल जून में शिवसेना के विभाजित होने के बाद से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना खुद को पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने में लगी हैं. शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को पार्टी का नाम एवं निशान मिला है.
शिवाजी पार्क में उद्धव और शिंदे आजाद मैदान में करेंगे रैली
उद्धव ठाकरे दादर के विशाल शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की दशहरा रैली को संबोधित करेंगे. ये स्थान इस कार्यक्रम का पारंपरिक आयोजन स्थल है जहां बाल ठाकरे चार दशक से अधिक समय तक अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरते रहे. शिंदे की रैली दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगी. पिछले साल की तरह ही शुरू में इस बात को लेकर कुछ भ्रम पैदा हुआ था कि शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति किस धड़े को मिलेगी. ये दो रैलियां इस मायने से भी अहम हैं कि कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं तथा राज्य में मुंबई समेत कई शहरों में नगर निकाय चुनाव 2022 के प्रारंभ से ही लंबित हैं.
उद्धव ठाकरे रख सकते हैं इन मुद्दों पर बात
जिन पर उद्धव ठाकरे बात रख सकते हैं वे हैं – मराठा आरक्षण, पर सरकार की आंख मिचौली, ड्रग्स माफ़िया से संबंध के मामले में घिरे सत्ताधारी, विधायक अपात्रता का मामला, चीन घुसपैठ जैसे प्रमुख मुद्दों पर उद्धव ठाकरे आज अपनी रैली में शिवसैनिकों को संबोधित कर सकते हैं.
रैलियों से पहले ही यूं बनाया गया माहौल
इन रैलियों से पहले ठाकरे गुट ने बाल ठाकरे के भाषण के कई वीडियो क्लिप जारी किये हैं , खासकर उनमें ऐसे क्लिप हैं जिनमें बताया गया है कि दल-बदलुओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए. शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने व्यापक रूप से इन वीडियो क्लिप को साझा किया है. अपनी रैली के बारे में शिंदे गुट के टीजर (इश्तहार) में बाल ठाकरे के ऐसे भाषण हैं जहां उन्होंने हिंदुत्व की बड़ी ही दृढ़ता से पैरवी की है.
दोनों गुट लगा रहे हैं एक-दूसरे पर आरोप
उद्धव ठाकरे गुट ने लगातार शिंदे गुट के सदस्यों को ‘गद्दार’ बताया है जबकि शिंदे गुट का दावा है कि हिंदुत्व का परित्याग कर पूर्व मुख्यमंत्री (ठाकरे) ने भाजपा से नाता तोड़ा तथा कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से हाथ मिला लिया. पिछले साल शिंदे और कई पार्टी विधायकों ने बगावत कर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिरा दी, जिसके बाद शिवसेना विभाजित हो गई. शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के अलग हुए गुट ने भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई.
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे की रैली को ‘डुप्लिकेट’ करार दिया
बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा था कि मुंबई के शिवाजी पार्क में होने वाली वार्षिक दशहरा रैली पांच दशकों से अधिक समय से एक परंपरा और विरासत रही है. उन्होंने दावा किया कि केवल एक ठाकरे ही हैं जो कार्यक्रम स्थल से महाराष्ट्र और देश के लिए दृष्टिकोण और रूपरेखा प्रदान करते हैं. राउत ने पत्रकारों के साथ बातचीत में दावा किया था कि दशहरा रैली में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे का भाषण 2024 में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर “परिवर्तन की शुरुआत” होगा. राज्यसभा सदस्य राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित की जाने वाली दशहरा रैली को ”डुप्लिकेट” करार दिया और दावा किया कि यह केवल ”भाजपा में डुप्लिकेट लोगों” के लिए स्वीकार्य है. राउत ने कहा कि दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे का भाषण 2024 में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव की शुरुआत होगी. ठाकरे की दशहरा रैली पांच दशकों से अधिक समय से एक परंपरा और विरासत रही है. पहले (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब और बाद में उद्धवजी ने इस विरासत को आगे बढ़ाया है.”