महाराष्‍ट्र : बीयर की घटती बिक्री से सरकार चिंतित, अध्‍ययन के लिए गठित की समिति

बीयर उद्योग के माध्यम से राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए एक अध्ययन समूह के गठन का मुद्दा काफी समय से सरकार के पास विचाराधीन था.

मुंबई: 

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में बीयर की कम होती बिक्री और उसके कारण घटते राजस्‍व ने राज्‍य सरकार को चिंता में डाल दिया है. यही कारण है कि सरकार ने बीयर उद्योग के माध्यम से राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए अध्‍ययन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (राज्य उत्पाद शुल्क) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. यह समिति राजस्‍व बढ़ाने को लेकर सुझाव देगी. सरकार ने समिति से एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.

राज्य सरकार के मुताबिक, बीयर पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के बाद बीयर की बिक्री कम हो रही है. बीयर की बिक्री का ग्राफ गिर रहा है और परिणामस्वरूप सरकारी राजस्व भी घट रहा है.

बीयर उद्योग से जुड़े एक प्रतिनिधि ने सरकार को बीयर उद्योग के सामने आने वाली समस्याओं से अवगत कराया है. उन्‍होंने सरकार को बताया कि बीयर पर उत्पाद शुल्क की दर अल्कोहल की मात्रा के आधार पर तुलना करने पर अन्य शराबों की तुलना में अधिक है. बीयर की कीमत उपभोक्ताओं को आकर्षित नहीं करती है. साथ ही यह भी कहा गया है कि दूसरे राज्यों में बीयर पर उत्पाद शुल्क की दर में कटौती के बाद राजस्व के मामले में अन्य राज्यों को फायदा हुआ है.

बीयर उद्योग के माध्यम से राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए एक अध्ययन समूह के गठन का मुद्दा काफी समय से सरकार के पास विचाराधीन था.

महाराष्‍ट्र सरकार ने बीयर उद्योग के माध्यम से राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए अध्ययन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (राज्य उत्पाद शुल्क) की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है. अतिरिक्‍त आयुक्‍त राज्‍य उत्‍पाद शुल्‍क को इसका सदस्‍य सचिव बनाया गया है. वहीं राज्‍य उत्‍पाद शुल्‍क आयुक्‍त, उप सचिव (राज्य उत्पाद शुल्क), ऑल इंडिया ब्रुअरीज एसोसिएशन के प्रतिनिधि सदस्‍य होंगे.

समिति अल्‍कोहल के आधार पर बीयर पर उत्पाद शुल्क की वर्तमान दर के साथ मूल्य-आधारित पद्धति का अध्ययन करेगी. साथ ही समिति का उद्देश्‍य बीयर पर उत्पाद शुल्क में पिछली वृद्धि और राजस्व संतुलन पर इसके प्रभाव का अध्ययन करना और तदनुसार किए जाने वाले सुधारों के लिए सिफारिशें करना शामिल है.  इसके साथ ही समिति अन्य राज्यों की बीयर नीतियों का अध्ययन करेगी और राजस्व वृद्धि के अनुरूप सिफारिशें करेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *