बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं. जाति आधारित गणना में बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.
पटना :
बिहार सरकार ने जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है. वहीं, पिछड़ा वर्ग कुल आबादी का 27.1 प्रतिशत है. बिहार जाति आधारित सर्वे में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है. बिहार सरकार की इस रिपोर्ट को जल्द जारी करने को लेकर काफी दबाव बनाया जा रहा था. अब आखिरकार सोमवार को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने ये रिपोर्ट जारी कर दी है.
बिहार अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी हो गई है. बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है. बिहार में मुस्लिम आबादी 17.07 प्रतिशत है. कुल जनसंख्या का 63 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी, ईबीसी हैं.
जातिगत सर्वे के मुताबिक, बिहार में अनुसूचित जाति की कुल आबादी 2 करोड़ 56 लाख 89 हजार 820 है. और कुल आबादी का ये 19.65 प्रतिशत हैं. वहीं अनुसूचित जनजाति की आबादी बिहार में 21 लाख 99 हजार 361 है. राज्य में सबसे ज्यादा जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है. इनकी संख्या 4 करोड़ 70 लाख 80 हजार 514 है.
बिहार के मुख्यमंत्री ने जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी होने पर कहा, “आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई…! बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.”
वहीं, बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “जातीय जनगणना बिहार की गरीब जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है. नीतीश कुमार के 15 साल और लालू यादव के 18 साल के अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों का क्या उद्धार किया, कितने लोगों को नौकरी दी. यह रिपोर्ट भ्रम के अलावा कुछ नहीं.”
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि ओबीसी समूह में शामिल यादव समुदाय प्रदेश की कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है. राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. राज्य में जनसंख्या के मामले में यह समुदाय सबसे अधिक है. बिहार सरकार ने राज्य में जाति आधारित गणना का आदेश पिछले साल तब दिया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह आम जनगणना के हिस्से के रूप अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातियों की गणना नहीं कर पाएगी.