डब्ल्यूएचओ ने कहा, “Disease X एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी, एक रोगजनक का कारण हो सकती है, जिसका फिलहाल मानव रोग का कारण अज्ञात है.”
इन दिनों एक नई बीमारी Disease X की चर्चा खूब हो रही है. यूके के एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि, ‘Disease X’, कोविड-19 से भी अधिक घातक, एक और महामारी का कारण बन सकता है. मई से दिसंबर 2020 तक यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली केट बिंघम ने डेली मेल के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि नया वायरस स्पेनिश फ्लू (1919-1920) जितना विनाशकारी हो सकता है. इस रोग की प्रकृति अभी तक स्पष्ट बनीं हुई है.
‘Disease X‘ क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ‘Disease X’ बिना किसी ज्ञात उपचार के एक नया वायरस, एक जीवाणु या कवक हो सकता है.
नवंबर 2022 की WHO रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ‘Disease X’ को एक अज्ञात रोगजनक को इंगित करने के लिए शामिल किया गया है जो एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी का कारण बन सकता है.
‘Disease X‘ का इतिहास?
WHO ने 2018 में पहली बार एक अज्ञात बीमारी के रूप में ‘Disease X’ का उल्लेख किया, जिसमें महामारी की संभावना है.
डब्ल्यूएचओ के आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है, “Disease X एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी, एक रोगजनक का कारण हो सकती है, जिसका फिलहाल मानव रोग का कारण अज्ञात है. आर एंड डी ब्लूप्रिंट स्पष्ट रूप से प्रारंभिक क्रॉस-कटिंग आर एंड डी को तैयार करने का प्रयास कर रहा है, जो एक अज्ञात ‘Disease X’ के लिए भी प्रासंगिक है.”
- बिंगमैन ने उल्लेख किया, “1918-19 फ्लू महामारी ने दुनिया भर में कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ले ली थी, जो प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में दोगुना है. आज, हम पहले से मौजूद कई वायरस में से एक से उसी तरह का जनहानि की उम्मीद कर सकते हैं, जो अस्तित्व में है.”
- यूके के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने आगे बताया कि वैज्ञानिकों ने 25 वायरस समूहों की पहचान की है और इसके दस लाख अनदेखे वेरिएंट हो सकते हैं, जो एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में जा सकते हैं.
- उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अधिकांश कोविड-19 मरीज़ ठीक हो गए. “…कल्पना कीजिए कि Disease X, इबोला की मृत्यु दर के साथ खसरे जितना ही संक्रामक है. दुनिया में कहीं न कहीं, इसकी पुनरावृत्ति हो रही है, और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा.”
- बिंघम ने कहा, “प्रकोप में वृद्धि वो कीमत है जो हमें आधुनिक दुनिया में रहने के लिए चुकानी पड़ रही है. सबसे पहले, यह वैश्वीकरण के माध्यम से तेजी से जुड़ा हुआ है. दूसरा, अधिक से अधिक लोग शहरों में बस रहे हैं, जहां वे अक्सर दूसरों के साथ निकट संपर्क में आते हैं.”