शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि झड़पें सतारा जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी और पुणे से 160 किमी दूर स्थित पुसेसावली गांव में हुईं. यहां 15 अगस्त से सोशल मीडिया में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के पोस्ट के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ था. बीती रात मामला ज्यादा बढ़ गया.
मुंबई:
महाराष्ट्र के सतारा जिले की खटाव तहसील में 15 अगस्त से सोशल मीडिया में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के पोस्ट के बाद से तनाव चल रहा था. इस बीच दो समुदायों में पथराव और आगजनी की खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर रविवार को खटाव तालुका (तहसील) में सांप्रदायिक झड़पें (Maharashtra clashes) हुई. हिंसक घटनाओं में 4 लोग घायल हो गए, जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हुआ है. उपद्रवियों ने कई घरों में आग लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि सतारा जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. इलाके में तनाव का माहौल है. इसलिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है.
शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि झड़पें सतारा जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी और पुणे से 160 किमी दूर स्थित पुसेसावली गांव में हुईं. यहां 15 अगस्त से सोशल मीडिया में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के पोस्ट के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ था. बीती रात मामला ज्यादा बढ़ गया और धार्मिक जगहों पर एक प्रार्थना स्थल मंदिर पर पथराव हुआ. इस बीच आगजनी और तोड़फोड़ की घटना देखने को मिली.
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
सतारा जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि क्षेत्र के एक विशेष समुदाय के कुछ युवाओं द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट के कारण रविवार रात लगभग 9.30 बजे झड़प हुई. एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है और कई घरों में आग लगा दी गई है. पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. हमने एहतियात के तौर पर इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.”
पुलिस ने की ये अपील
सतारा जिला प्रशासन ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जनता से एक अपील पोस्ट की. सतारा जिला कलेक्टर जितेंद्र डूडी और पुलिस अधीक्षक समीर शेख की अपील में कहा गया है, “सतारा जिले में तनाव की पृष्ठभूमि पर, जिला प्रशासन सतारा जिले के नागरिकों से किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील कर रहा है. लोगों को सोशल मीडिया पर ऐसी कोई भी सामग्री (कंटेंट) पोस्ट करने से बचना चाहिए जो संभावित रूप से सांप्रदायिक कलह पैदा कर सकती है और कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी पैदा कर सकती है.”