रीपा और गोधन न्याय योजना की समीक्षा
मुख्यमंत्री के सलाहकार योजना नीति, कृषि एवं ग्रामीण विकास श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि स्थानीय बाजार की मांग आधारित रीपा की आर्थिक गतिविधियों का संचालन करें, ताकि आसानी से उत्पादों की बिक्री हो सके। उन्होंने इसके लिए बाजारों की मैपिंग की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री शर्मा शुक्रवार को कृषि कॉलेज के सभा कक्ष में रीपा और गोधन न्याय योजना की समीक्षा कर रहे थे।
श्री शर्मा ने नगरनार के आसपास स्टील प्लांट से संबंधित छोटे-छोटे उत्पाद की मांग आधारित गतिविधियां रीपा में संचालित करने कहा। साथ ही बस्तर के प्राचीन वस्त्र कला को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने मिलेटस मिशन के तहत मैसूर के एक संस्था से हुए एमओयू का उल्लेख करते बस्तर में भी कुपोषित बच्चों के लिए मिलेट्स बार बनाने पर कार्य करने की सलाह दी। श्री शर्मा ने रीपा में उत्पादन किए सामानों को बाजारों में बेचने के लिए शेड निर्माण करने हेतु नाबार्ड से मिल रहे सहयोग का भी उल्लेख किया। बैठक में श्री शर्मा ने रीपा की गतिविधियों में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने कहा। साथ ही रीपा की गतिविधियों में वन और वनोपज आधारित एक्टिविटी, वनौषधि की एक्टिविटी को शामिल करने पर जोर दिया।
बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत स्वावलंबी गोठान, गोठानों में गोबर खरीदी की स्थिति, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण और उठाव की समीक्षा की गई। श्री शर्मा ने 50 प्रतिशत लक्ष्य के साथ वर्मी कम्पोस्ट निर्माण और उठाव पर जोर दिया। उन्होंने गोठानों की दूरी गाँव से ज्यादा होने की स्थिति में गांव के बाहर गोबर खरीदी कर परिवहन चार्ज लेकर गोठान पर जमा करवाने कहा। महिला स्व सहायता समूह को अधिक से अधिक सहयोग कर वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय को बढ़ाएं। निर्वाचन के दौरान भी गोठानों में सतत गोबर खरीदी, महिला समूह के आर्थिक गतिविधि लगातार जारी रखने की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर सीसीएफ वन्य प्राणी श्री पाण्डे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रकाश सर्वे, संचालक कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान श्री धम्मशील गणवीर, डीन आरएस नेताम सहित योजना से सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।