प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत भारतीय झंडा उठाया और अपनी जैकेट की जेब में रख लिया, उनको देखकर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने भी अपने देश का झंडा उठा लिया
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS summit) में एक फोटोशूट के दौरान इस बात को लेकर बहुत सावधान दिखे कि भारतीय ध्वज पर किसी का कदम न पड़े. फोटो कॉर्नर पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ प्रत्येक देश के नेता का स्थान अंकित था. एक वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा अपने खड़े होने के स्थान पर आते हुए दिखाई दिए. वीडियो में दिख रहा है कि प्रधानमंत्री तुरंत झंडा उठाकर उसे अपनी जैकेट की जेब में रख लेते हैं.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, जो पहले ही अपने देश के झंडे पर पैर रख चुके थे, इस बात को नोटिस करते हैं और वे अपने झंडे को भी उठा लेते हैं. फिर वे उसे अपनी एक सहकर्मी महिला को सौंप देते हैं. वह महिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी झंडा लेने की पेशकश करती है, लेकिन वे इशारा करते हैं कि यह उनकी जेब में ठीक है.
प्रधानमंत्री मोदी भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं.
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति से पीएम मोदी की मुलाकात
पीएम मोदी ने आज दिन की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “उन्होंने व्यापारिक संबंधों, सुरक्षा और लोगों से लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की.”
यह प्रधानमंत्री मोदी की दक्षिण अफ्रीका की तीसरी यात्रा है. यह यात्रा भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ की भी प्रतीक है.
पीएम मोदी की शी जिनपिंग से मुलाकात की अटकलें
प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पहले कहा था कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम “फिलहाल तय किया जा रहा है.”
शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होते समय प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक सभी सदस्यों को “सहयोग के भविष्य के क्षेत्रों की पहचान करने” के लिए एक उपयोगी अवसर प्रदान करेगी. उन्होंने कहा, “…ब्रिक्स ग्लोबल साउथ के लिए चिंता के मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने का एक मंच बन गया है.”