खाद्य और महिला बाल विकास विभाग की भर्ती से जुड़ा एक आदेश प्रदेश में वायरल हो गया। कई विभागों के अफसरों को वॉट्सअप पर ये आदेश मिला। अफसर इसे असली समझ रहे थे। मगर इसे प्रशासन ने फेक बताया है। ये आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव IAS डॉ कमलप्रीत सिंह के हस्ताक्षर कर वायरल किया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि यह फर्जी आदेश है। यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। फर्जी आदेश में कहा गया है कि राज्य शासन के विभिन्न विभाग के पदों में विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की विभागीय परीक्षा में अनुतीर्ण विद्यार्थियों को द्वितीय अवसर दिया जाएगा।
इस फर्जी आदेश में यह लिखा है कि विभागवार परीक्षा में 205 अभ्यर्थी शामिल हुए जिसमें 182 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए और शेष 23 अनुत्तीर्ण हुए। अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों को परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 15 दिवस के भीतर द्वितीय अवसर प्रदान करते हुए अंतिम परीक्षा परिणाम 20 नवंबर तक घोषित कर परिणाम की एक प्रति कार्यालय को उपलब्ध कराएं। सरकार ने कहा है कि यह आदेश पूरी तरह से फर्जी है और इसमें मनगढ़ंत बात लिखी है जिसका खंडन विभाग द्वारा किया जाता है।
IAS ने कहा सावधान रहें
डॉ कमलप्रीत ने अपने ट्वीट में लिखा- एक नक़ली चयन आदेश मेरे हस्ताक्षर से सामान्य प्रशासन विभाग से जारी दिखाते हुए सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा। उक्त आदेश पूर्णतः असत्य है एवं सामान्य प्रशासन विभाग से उक्त प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है कृपया सावधान रहें।
पहले भी ऐसे कांड मगर किसी पर कार्रवाई नहीं
साल 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद से ही इस तरह के फर्जी आदेश काफी ट्रेंड में रहे। इससे पहले भी इस तरह के सरकारी भाषा या कहें कि अंदाज में लिखे लैटर वायरल हुए। सरकार ने हर बार फेक तो घोषित किया मगर उन तक नहीं पहुंच पाई जिन्होंने फर्जी आदेश तैयार किया। कुछ मामलों में अज्ञात लोगों पर FIR हुई, मगर कोई पकड़ा नहीं गया है।