प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने में भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मैं भी शामिल हूं. उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ. उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और इसे विभिन्न क्षेत्रों में 21 वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित ‘‘सदैव अटैल” जाकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि पर उन्हें बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. इनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी ‘भारत रत्न’ वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की.
कई केंद्रीय मंत्रियों और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल घटक दल के नेताओं ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस अवसर पर प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया. ‘‘सदैव अटल” वाजपेयी का स्मारक है. वर्ष 2018 में आज ही के दिन दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने में भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मैं भी शामिल हूं. उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ. उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और इसे विभिन्न क्षेत्रों में 21 वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के कोटिशः कार्यकर्ताओं के प्रेरणा-पुंज, सेवा व सुशासन के पथ प्रदर्शक, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन करता हूं. उन्होंने भारत में नए राजनीतिक युग का सूत्रपात किया. गरीब कल्याण के प्रति उनका समर्पण सदैव हमारा पथ प्रशस्त करेगा.’
वाजपेयी को 2015 में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया था. वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में एक थे. वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था.
इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बनें और उन्होंने 13 महीने तक इस पद को संभाला. वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने. वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया.