OMG 2 Movie Review: पंकज त्रिपाठी और अक्षय कुमार की ओएमजी 2 देखकर आप भी कहेंगे- ओह माय गॉड…पढ़ें रिव्यू

OMG 2 Movie Review in Hindi: ओएमजी 2012 में रिलीज हुई थी जिसे उमेश शुक्ला ने डायरेक्ट किया था. अब अमित राय ओएमजी 2 लाए हैं. जानें कैसी है पंकज त्रिपाठी और अक्षय कुमार की फिल्म.

नई दिल्ली: 

किसी भी सुपरहिट फिल्म का रीमेक बनाना आसान काम नहीं है. अक्षय कुमार और परेश रावल की ओएमजी 2012 में रिलीज हुई थी और फिल्म को उमेश शुक्ला ने डायरेक्ट किया था. फिल्म की कहानी एक नास्तिक थी और धर्म के नाम पर पाखंड करने के लिए भगवान कृष्ण आते हैं और परेश रावल के साथ खड़े होते हैं. लेकिन इस फिल्म को रिलीज हुए एक दशक से ज्यादा का समय हो चुका है. हालात बदल चुके हैं और इमोशन भी. अब ओएमजी 2 आई है. ओएमजी 2 को अमित राय ने डायरेक्ट किया है और इसमें अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी, यामी गौतम और पवन मल्होत्रा लीड रोल में हैं. खास बात यह है कि डायरेक्टर ने फिल्म की कहानी एकदम नए तरीके से बुनी है और आज के माहौल में इसे पूरी तरह प्रासंगिक रखने की कोशिश भी की है. आइए जानते हैं कैसी है ओएमजी 2…

ओएमजी 2 की कहानी

ओएमजी 2 की कहानी शिव भक्त पंकज त्रिपाठी की है. वे पूरी शिद्दत के साथ शिव भक्ति करते हैं. लेकिन उनके बेटे के साथ कुछ ऐसा होता है कि स्कूल उसे निकाल देता है. उस पर कथित तौर पर ‘गंदी बात’ करने का आरोप लगाया जाता है. हालात ऐसे बन जाते हैं कि पंकज त्रिपाठी और उनके परिवार का जीना दुश्वार हो जाता है और नौबत शहर छोड़ने तक की आ जाती है. तभी एंट्री होती है शिव दूत अक्षय कुमार की. पंकज त्रिपाठी की हिम्मत बढ़ती है और वह कोर्ट में पहुंच जाते हैं. इस तरह फिल्म सेक्स एजुकेशन जैसे संवेदनशील और बेहद जरूरी विषय को बहुत ही परिपक्वता के साथ सामने लाती है. कोर्ट सीन है, शुद्ध हिंदी के शब्द हैं, कहानी में मैच्योरिटी है और एक बहुत ही संवेदनशील विषय को बहुत ही आसानी के साथ दर्शकों के बीच पहुंचाने की सार्थक कोशिश भी है. फिल्म गुदगुदाती भी है और हंसते-खेलते गहरा संदेश दे जाती है.

ओएमजी 2 डायरेक्शन

‘ओएमजी 2’ कहानी के मामले में फिट और डायरेक्टर के मामले में सटीक है. अमित राय ने बहुत ही सयानेपन के साथ फिल्म को बढ़ाया है. उस विषय को छुआ है, जिसे अकसर गंदी बात कहकर साइडलाइन कर दिया जाता है. आज के दौर में इस तरह की एक फिल्म सख्त दरकार थी, जिसे ओएमजी 2 बहुत ही सार्थकता के साथ पूरा करती है. इसका श्रेय अमित राय को ही जाता है.

ओएमजी 2 में एक्टिंग

पंकज त्रिपाठी से कुछ ऐसे किरदार की उम्मीद लंबे समय की जा रही थी, जो उनके रूटीन से कुछ हटकर हो. इस बार पंकज त्रिपाठी का तीर निशाने पर लगा है. उन्होंने कांति शरण मुदगल के किरदार की बारीकियों को कुछ इस तरह पकड़ा है, उसे लंबा समय तक याद रखा जाएगा. वे किरदार में गहरे तक उतरे हैं और उनकी डायलॉग डिलीवरी असरदार है. बेशक फिल्म में पंकज त्रिपाठी मेन सीट पर हैं, लेकिन अक्षय कुमार भी फिल्म की जान हैं. उन्होंने शिव दूत के किरदार को इतने बढ़िया ढंग से किया है, जो काबिलेतारीफ है. लंबे समय बाद अक्षय कुमार एक्टिंग के मोर्चे पर इतने जानदार लगे हैं. यामी गौतम, अरुण गोविल और पवन मल्होत्रा का काम भी अच्छा है.

ओएमजी 2 वर्डिक्ट

ओएमजी का पार्ट 2 ग्यारह साल बाद आया है. कहानी एकदम नई और समय के मुताबिक है. सेक्स एजुकेशन जैसा विषय है जिसे हाथ लगाते हुए बॉलीवुड के कई दिग्गज डायरेक्टर सौ बार सोचेंगे. लेकिन अमित राय ने आसानी से मैच्योरिटी के साथ इस कहानी को पेश किया है. एक्टिंग के मामले में भी पंकज त्रिपाठी और अक्षय कुमार लाजवाब हैं. कोर्ट सीन की कुछ खामियों को छोड़ दिया जाए तो फिल्म मनोरंजन के साथ ही सार्थक संदेश भी देती है. लेकिन इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिलना इस विषय के साथ ज्यादती लगती है.

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