ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग-53 के कामाख्यानगर से दुबुरी चार लेन रोड का उद्घाटन किया तथा अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी. असम के पहले मुख्यमंत्री बोरदोलोई को श्रद्धांजलि अर्पित कर ओडिशा की जनता को सम्बोधित किया. राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ वामपंथी उग्रवाद और आपदा प्रबंधन पर समीक्षा बैठक में भी हिस्सा लेंगे.
नई दिल्ली:
ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग-53 के कामाख्यानगर से दुबुरी चार लेन रोड का उद्घाटन किया तथा अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी. असम के पहले मुख्यमंत्री बोरदोलोई को श्रद्धांजलि अर्पित कर ओडिशा की जनता को सम्बोधित किया. राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ वामपंथी उग्रवाद और आपदा प्रबंधन पर समीक्षा बैठक में भी हिस्सा लेंगे.
ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे शाह ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी और “भारत रत्न” गोपीनाथ बोरदोलोई को श्रद्धांजलि देकर की. उन्होंने कहा कि असम के पहले मुख्यमंत्री बोरदोलोई ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने में अपार योगदान दिया. केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र ने कामाख्यानगर और दुबुरी को जोड़ने वाले 51 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन करने के लिए 761 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. आगे उन्होंने कहा यह सड़क, खनिज से समृद्ध जिले अंगुल और ढेंकनाल को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ेगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का काम करेगी.
राष्ट्रीय राजमार्गों को राष्ट्र की ‘भाग्य-रेखा’ बताते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं पर जोर दिया है, क्योंकि ये किसी क्षेत्र का भाग्य बदल देती हैं. ओडिशा की तरह, गुजरात के लोग भी भगवान जगन्नाथ की पूजा करते हैं. आज ही के दिन 2019 में प्रधानमंत्री जी ने कश्मीर से अनुछेद -370 के प्रावधान को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था. इस अवसर पर, मैं देश के लोगों की ओर से प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं.ओडिशा सरकार ने नक्सलियों से लड़ने के लिए हमेशा केंद्र का समर्थन किया है. जिससे, नक्सली खतरे पर काबू पा लिया गया और वामपंथी उग्रवाद में गिरावट आई है.