राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नियम 267 के तहत मणिपुर में हुई हिंसा पर चर्चा के पक्ष में दलील दे रहे थे. इस दौरान राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और खरगे के बीच हंसी-मजाक भी देखने को मिली.
नई दिल्ली:
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) और दिल्ली सेवा बिल (Delhi Service Bill)को लेकर संसद में हंगामा जारी है. मणिपुर मामले पर लोकसभा और राज्यसभा में सरकार और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है. राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग की है. इस दौरान राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बीच हुए बहस में हंसी-मजाक भी देखने को मिली. खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ को लेकर कहा कि आप गुस्सा हो गए. इसके जवाब में जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं 45 साल से शादीशुदा आदमी हूं. मैं कभी गुस्सा नहीं करता हूं.” सभापति की इस बात पर राज्यसभा में ठहाके लगे.
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नियम 267 के तहत मणिपुर में हिंसा पर चर्चा के पक्ष में दलील दे रहे थे. सभापति ने कहा है कि सरकार नियम 176 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, जो छोटी अवधि की चर्चा का प्रावधान करता है. चर्चा कराने के नियम पर असहमति के कारण उच्च सदन में लगभग दो सप्ताह से कार्यवाही बाधित है.
राज्यसभा में लगे ठहाके
खरगे की इसी बात पर राज्यसभा में हंसी गूंजने लगी. सभापति जगदीप धनखड़ भी हंस पड़े. उन्होंने कहा, “मैं 45 साल से अधिक समय से शादीशुदा आदमी हूं. मैं कभी गुस्सा नहीं करता.” सभापति के इस जवाब पर राज्यसभा में कुछ देर हल्का माहौल रहा.
हम अथॉरिटी के सामने गुस्सा नहीं दिखा सकते-धनखड़
इसके बाद धनखड़ ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का नाम लेते हुए कहा, “मिस्टर चिदंबरम बड़े वकील हैं. वो जानते हैं कि हमें गुस्सा करने का अधिकार नहीं है. कम से कम अथॉरिटी के सामने तो बिल्कुल भी नहीं. खरगे जी आप हमारे अथॉरिटी हैं.” इसपर खरगे ने आगे कहा कि सभापति जी आप गुस्सा तो बराबर करते हैं. लेकिन दिखाते नहीं हैं.
दूसरी ओर, राज्यसभा में मणिपुर के मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की.