मुरैना जिले में शक्तिपुरा गांव के लोग दूषित पेयजल पीने के लिए मजबूर हो गए हैं. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है. इसमें विद्युत और पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.
मुरैना :
देश में नागरिकों को शुद्ध पेयजल के लिए जल जीवन मिशन द्वारा अनेकों परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. प्रत्येक देशवासी को 55 लीटर पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य के तहत गांव-गांव में हर घर नल, हर घर जल की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन ये योजनाएं मध्य प्रदेश के शक्तिपुरा गांव में कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं. इस कारण ढाई सैकड़ा ग्रामीणों को प्रदूषित पेयजल पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीण बच्चों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है. इसमें विद्युत और पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. प्रशासन द्वारा विभागीय अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश तो दिए हैं पर परिणाम जमीन पर दिखाई नहीं दे रहे हैं.
दरअसल, मुरैना में सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र और कैलारस जनपद की ग्राम पंचायत डुगरावली के शक्तिपुरा गांव के लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. गांव में लगे हैंड पंप में कभी भी पानी नहीं आता है. कुछ वर्षों से ग्रामीण जन खेतों पर लगे ट्यूबेल से पेयजल ला रहे थे. इन पंप की लाइट 1 महीने से गायब हो गई है. इस कारण शुद्ध पेयजल से ग्रामीण महरूम हो गए.
वहीं, लोगों ने पेयजल आपूर्ति पूरी करने के लिए गांव से 1 किलोमीटर दूर तालाब को अपना ठिकाना बनाया. बारिश के कारण इसमें दूषित पानी मिल जाता है. ग्रामीणों द्वारा संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाई है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि खेतों पर लगे ट्यूबवेल की बिजली चालू हो जाए, तब जाकर कहीं शुद्ध पानी मिल पाएगा.