संभागायुक्त डाॅ. संजय अलंग ने आज कार्यालय के सभाकक्ष में कृषि और संवर्गीय विभागों के कामकाज की संभाग स्तरीय समीक्षा की। डाॅ. अलंग ने पांचों जिलों के कृषि, पशुपालन, मछलीपालन और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को बारिश की अनिश्चितता को देखते हुए अतिवृष्टि और अल्पवर्षा दोनो ही स्थितियों से निपटने के लिए वैकल्पिक योजना भी तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से संभाग में आज तक हुई बारिश और फसलों की बोनी आदि की भी जानकारी ली। डाॅ. अलंग ने दलहनी और तिलहनी फसलों को चालू खरीफ मौसम के निर्धारित लक्ष्य अनुसार बोआई कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। संभागायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण इलाकों में पशुओं के टीकाकरण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चालू खरीफ मौसम में खेतों में लगी फसलों को मवेशियों की चराई से बचाने के लिए रोका-छेका अभियान को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश भी दिए। संभागायुक्त ने कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी फसलों के उत्पादन सहित मछली पालन को ग्रामीणों के रोजगार के रूप में स्थापित करने के लिए भी विशेष प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में रायपुर संभाग में शामिल जिलों रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद और बलौदाबाजार-भाटापारा के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
शासकीय योजनाओं और नई तकनीकों के प्रचार-प्रसार पर दिया जोर- संभागायुक्त डाॅ. अलंग ने बैठक में कृषि और उससेे जुड़े विभागों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बताया। उन्होंने विभागों की शासकीय योजनाओं का विस्तार अधिकारियों के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। डाॅ. अलंग ने कहा कि विभागीय योजनाओं की पूरी जानकारी ग्रामीण विस्तार अधिकारियों को रहे ताकि वे ग्रामीणों को संतुष्टि के स्तर तक योजनाओं की समझाइस दे सकें। संभागायुक्त ने यह भी कहा कि खेती-किसानी, मछली पालन से लेकर सब्जी उत्पादन, फल-फूल उत्पादन और पशुपालन की नई-नई तकनीकों को भी ग्रामीणों को अधिक से अधिक बताया जाए ताकि वे इन तकनीकों से उत्पादन को बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सके। डाॅ. अलंग ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति के लिए भी प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
खेती-किसानी के लिए ग्रामीणों को ना हो कोई तकलीफ, पहले से रहें इंतजाम- बैठक में डाॅ. अलंग ने चालू खरीफ मौसम के संदर्भ में खेती-किसानी के लिए खाद-बीज-दवा, पशुओं के टीकाकरण के वैक्सीन, मछली उत्पादन के लिए बीज और अन्य जरूरी वस्तुएं, उद्यानिकी फसलों के बीज, दवा आदि की उपलब्धता और वितरण की भी जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में किसानों को बीज-खाद-दवा आदि वस्तुओं की कमी ना हो। खेती-किसानी, पशुपालन आदि से जुड़ी आदान सामग्रियों का पहले से ही पर्याप्त मात्रा में भण्डारण सुनिश्चित कर लिया जाए। इन सामग्रियों की किसानों को उपलब्धता भी सरलता और सुगमता से सुनिश्चित कराने के निर्देश संभागायुक्त ने अधिकारियों को दिए। डाॅ. अलंग ने किसानों को आसानी से कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए भी व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने धान के बदले अन्य फसलों की खेती के लिए भी आसानी से किसानों को कृषि ऋण स्वीकृत करने के निर्देश दिए। डाॅ. अलंग ने पशुपालन से जुड़े रोजगार मूलक कामों के लिए ऋण प्रकरणों की प्रति संबंधित सहकारी बैंक के साथ-साथ रायपुर स्थित बैंक के मुख्य कार्यालय को भी भेजने के निर्देश दिए ताकि समय पर किसानों को ऋण स्वीकृत किया जा सके।