सूत्रों के एक अनुसार सोनिया गांधी 18 जुलाई को होने वाली इस बैठक से ठीक एक दिन पहले इस डिनर का आयोजन कर सकती हैं.
नई दिल्ली:
2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर सभी विपक्षी दल 18 जुलाई को एक बार फिर बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में सोनिया और राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है. विपक्षी दलों की यह दूसरी बैठक होगी इससे पहले पटना में सभी विपक्षी दलों ने पिछले महीने ही एक बैठक की है. सूत्रों के अनुसार 18 जुलाई को होने वाली बैठक से पहले सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों को डिनर पर भी आमंत्रित किया है. आम आदमी पार्टी को भी न्योता दिया गया है. सूत्रों के एक अनुसार सोनिया गांधी 18 जुलाई को होने वाली इस बैठक से ठीक एक दिन पहले इस डिनर का आयोजन कर सकती हैं.
“विपक्षी दलों को एक जुट करने का है प्रयास”
सोनिया गांधी द्वारा तमाम विपक्षी पार्टियों को डिनर पर बुलाने को विपक्षी दलों को एक जुट करने और विपक्षी एकता को और मजबूत करने की दिशा में प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि बिहार की राजधानी में पटना में हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 पार्टियों ने हिस्सा लिया था.
8 नई पार्टियां होंगी दूसरी बैठक में शामिल
सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की दूसरी बैठक में आठ नई पार्टी भी शामिल हो सकती है. दूसरी बैठक में जो पार्टियां शामिल होने वाली हैं उनमें खास तौर पर MDMK, KDMK, VCK, RSP, AIFB, IUML, Kerala Congress (Joseph), और Kerala Congress (mani) मुख्य रूप से शामिल हैं. खास बात ये है कि KDMK और MDMK 2014 में बीजेपी के साथ गठबंधन में थी.
गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष को एकजुट करने और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से विपक्षी दलों की पहली बैठक का आजोयन किया गया था. बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड के नेता नीतीश कुमार की पहल पर आयोजित की गई इस बैठक में 15 विपक्षी पार्टियों के 32 नेता शामिल हुए थे. इस बैठक में चार घंटे तक चर्चा चली.
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने कहा था कि व्यापक विपक्षी एकता की दिशा में यह पहला कदम है. 2024 के करीब आने तक इस गठबंधन में और भी पार्टियां शामिल होंगी.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव ने कहा था कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी को नेतृत्व करना चाहिए, अन्य दलों को समर्थन देना चाहिए. बड़ी पार्टियों को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. सीट बंटवारे म ें कांग्रेस का खुला और लचीला रुख होना चाहिए.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि सिर्फ चुनाव ही नहीं, हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी के खिलाफ केवल एक संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार होना चाहिए. यह भारत की जनता बनाम मोदी की लड़ाई है.