बंगाल हिंसा पर क्यों नहीं बोलता विपक्ष, अब कहां गई “मोहब्बत की दुकान” : BJP का वार

भाजपा प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी… इस पूरी व्यवस्था की, बंगाल में जिस प्रकार से लोगों की हत्या हो रही है, जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या हो रही है उसकी तीव्र निंदा करती है.

नई दिल्‍ली: 

पश्चिम बंगाल में तीन चरणों में हुए पंचायत चुनाव के लिए मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है. भाजपा ने इस बीच चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कहा कि बंगाल में पंचायत चुनाव की गिनती हो रही है और अब पंचायत चुनाव में 45 लोगों की जान जा चुकी है. विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में 52 लोगों की जान गई थी. बंगाल में लोकतंत्र दम तोड़ रहा है. इस दौरान सिर्फ बीजेपी के कार्यकर्ताओं की ही हत्या नहीं हुई, अन्‍य पार्टियों के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हैं.

भाजपा प्रवक्‍ता ने कहा, “अगर यह दृश्य बीजेपी शाषित राज्य में देखने को मिला होता, तो हाहाकार मच गया होता. अब राहुल गांधी कहां हैं…? वह ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने वाले थे. राज्य सरकार ने संवेदनशील बूथ की सही संख्या नहीं दी, जितने लोग मारे गए हैं, इसमें राज्य के ज़िम्मेदार लोग शामिल हैं. फायरिंग, बमबारी मतपेटी को जलाया जा रहा है. ये सारे नेता, जो हाथ पकड़-पकड़ कर राज्यों में खड़े होते हैं, कहां हैं ये सारे नेता? कहां हैं लालू प्रसाद यादव, कहां हैं नीतीश कुमार और कहां हैं ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने वाले राहुल गांधी? ”

उन्‍होंने कहा, “जिस भूमि से कभी वन्दे मातरम् के शब्द उपजे थे, आज उसी भूमि पर जिस प्रकार की हिंसा हो रही है वह अपने आप में अप्रत्याशित है. इससे पहले इस प्रकार की हिंसा न हमने सुनी थी और न ही देखी थी. चुनाव और हिंसा आज बंगाल में पर्यायवाची बन चुके हैं. सेंट्रल फोर्सेस होने के बावजूद बंगाल में 45 लोगों की हत्या… ये दिखाता है कि प्रदेश सरकार किस प्रकार प्रायोजित तरीके से इन हत्याओं को अंजाम दे रही थी. भारतीय जनता पार्टी… इस पूरी व्यवस्था की, बंगाल में जिस प्रकार से लोगों की हत्या हो रही है, जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या हो रही है उसकी तीव्र निंदा करती है.”

संबित पात्रा ने कहा, “बीजेपी ने 6 हज़ार पोलिंग बूथ पर री-पोलिंग की मांग की थी. बंगाल में दादागिरी की राजनीति चल रही है. मतगणना केंद्रों में जाने से एजेंटों को रोका जा रहा है. विधानसभा चुनाव के लिए जब काउंटिंग में भी ठीक ऐसा हुआ था.”

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