गोण्डवाना भवन में डोम बनाने के लिए 50 लाख रूपए की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल आज जिला मुख्यालय दुर्ग में केंद्रीय गोंड महासभा धमधागढ़ के तत्वाधान में आयोजित रानी दुर्गावती बलिदान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने रानी दुर्गावती के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समाज के अध्यक्ष द्वारा की गई मांगों का जिक्र करते हुए गोण्डवाना भवन दुर्ग में डोम बनाने के लिए 50 लाख रूपए की राशि की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो समाज अपने अतीत की जानकारी नहीं रखता वह विकास से दूर हो जाता है। आज आदिवासी समाज अपने गौरवशाली अतीत को स्मरण कर वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित कर रहा है। रानी दुर्गावती समाज कल्याण के लिए प्राणों का त्याग कर इतिहास में अमर हो गई। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने का काम कर रही है। समाज की रीति नीति, देवी-देवताओं के मठ को संरक्षित कर विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी पुजारियों के लिए मानदेय राशि की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव से समाज को देश दुनिया में पहचान मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति को बचाने सरकार काम रही है। आर्थिक विकास के लिए वनोपजों के वाजिब दाम की व्यवस्था की गई है। उन्होंने समाज के विकास के लिए शिक्षा पर जोर देते हुए सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में शासकीय आत्मानंद स्कूलों की व्यवस्था की गई है। नक्सली क्षेत्रों में 300 बंद स्कूल खोले गए है। बस्तर में मलेरिया मुक्त अभियान के अच्छे परिणाम मिले है। सरकार समाज के सभी वर्ग के विकास के साथ समता मूलक समाज की स्थापना का प्रयास कर रही है। सभी समाज के लिये जमीन व राशि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस समाज के पास जमीन है उसको सरकार भवन आदि बनाने के लिए राशि प्रदान कर रही है।
केंद्रीय गोड़ महासभा धमधागढ़ के अध्यक्ष श्री एम.डी. ठाकुर ने अपने स्वागत भाषण में गोंडवाना समाज के इतिहास पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने समाज की विभिन्न मांगों की ओर मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकृष्ट किया। समारोह को विधायक श्री अरुण वोरा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर समाज के पदाधिकारी श्री निलकंठ गढ़े, श्री सीताराम ठाकुर, श्री राजेश ठाकुर, श्री विष्णु देव ठाकुर सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।