जिले के किसान 13 हजार से अधिक वृक्षों में वैज्ञानिक पद्धति से कर रहे लाख की खेती
राज्य शासन द्वारा लाख उत्पादन को भी खेती का दर्जा दिये जाने के फलस्वरूप गरियाबंद जिले के किसान लाख उत्पादन कर अधिक मुनाफा अर्जित करने की ओर अग्रसर है। गरियाबंद वन मण्डल अंतर्गत लाख की खेती को बढ़ावा देने के लिए चार क्लस्टरों का चयन किया गया है। चयनित क्लस्टरों में किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से लाख की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत 761 किसान प्रशिक्षण पाकर 8243 कुसुम वृक्ष और 4849 बेर वृक्षों में लाख की खेती कर रहे हैं। शासकीय तकनीकी सलाह और मार्गदर्शन मिलने की वजह से जिले के किसान 13 हजार से अधिक वृक्षों में वैज्ञानिक पद्धति से लाख की खेती कर रहे है। लाख की खेती आर्थिक उन्नति का नया आयाम है। इससे किसानों को कम लागत और कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर प्राप्त होता है। राज्य शासन द्वारा लाख की खेती के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।
वनसंरक्षक गरियाबंद वनमण्डल ने बताया कि लाख की खेती को अधिक प्रोत्साहन कर लाख कृषक से बीहन लाख क्रय कर अन्य जिले के कृषकों को भी प्रदाय किया गया है। उन्होंने बताया कि जून-जुलाई 2023 अंतर्गत देवभोग कलस्टर अंतर्गत अब तक 5 कृषकों से 14.53 क्विंटल लाख क्रय किया गया है। इसकी कीमत 5 लाख 75 हजार 527 रूपए है। जिले में लाख की खेती के लिए लाख पालक कृषकों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्राथमिक साख सहकारी समिति से समन्वय स्थापित कर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 66 कृषकों को 23 लाख 25 हजार लोन की राशि वितरित की गई है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 17 कृषकों को 8 लाख 50 हजार रूपए का लोन दिया गया है। शासन द्वारा आर्थिक सहायता पाकर किसान सुलभ तरीके से लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।