नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत शिशुओं के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों व ज्यादा जोखिम वाली आबादी को हेपेटाइटिस-बी का टीका अनिवार्यतः लगाने के दिए निर्देश
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (National Viral Hepatitis Control Program) की राज्य स्तरीय संचालन समिति (State Steering Committee) की बैठक ली। उन्होंने बैठक में हेपेटाइटिस पर नियंत्रण के लिए उच्च जोखिम वाले वर्गों (High Risk Group) में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी की स्क्रीनिंग के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों और ज्यादा जोखिम वाली आबादी को हेपेटाइटिस-बी का टीका अनिवार्यतः लगाने को कहा।
श्री सिंहदेव ने लोगों को हेपेटाइटिस के सभी प्रकारों के बारे में जागरूक करने के लिए आईईसी, मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य और टीकाकरण डिवीजन को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री जयप्रकाश मौर्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान, सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Services Corporation) के प्रबंध संचालक श्री चंद्रकांत वर्मा और महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा भी संचालन समिति की बैठक में शामिल हुए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत नवजात, एक माह और छह माह के बच्चों को हेपेटाइटिस-बी से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीके अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए। इससे एक भी बच्चा छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम की राज्य स्तरीय संचालन समिति की अगली बैठक शीघ्र आयोजित करने को कहा। राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र (SHRC) के निदेशक श्री समीर गर्ग, एम्स (AIIMS) रायपुर में माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अनुदिता भार्गव, पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. निकिता शेरवानी, कम्युनिटी मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मल वर्मा, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत, राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डॉ. के.आर. सोनवानी, स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. महेन्द्र सिंह और विश्व स्वास्थ्य संगठन के श्री उरिया नाग भी बैठक में मौजूद थे।