दुर्ग : भीषण गर्मी में भी लबालब भरा अमृत सरोवर बना गांव की धरोहर

आजीविका गतिविधि के उद्देश्य से किया गया सरोवर का निर्माण
अमृत सरोवर में आम, जाम, जामुन, पीपल एवं बरगद इत्यादि पौधों का रोपण किया जाएगा

जिले के विकासखंड धमधा अंतर्गत ग्राम पंचायत पथरिया में 3.3 एकड़ के क्षेत्र में विस्तृत अमृत सरोवर का नवीनीकरण कार्य किया गया है। लगभग 25 वर्ष पुराने इस तालाब को गांव के लोग हार्वेस्टिंग तालाब के नाम से जानते है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत 10 लाख रू. की लागत से  3.3 एकड़ में सरोवर नवीनीकरण का कार्य किया गया है। तालाब से गंदगी निकालकर इसके सुंदरीकरण अंतर्गत गहरीकरण, पचरी निर्माण, इनलेट व आउटलेट निर्माण इत्यादि कार्य किया गया है। वर्तमान में भीषण गर्मी होने के बावजूद तालाब में पानी लबालब भरा हुआ है। तालाब की लम्बाई 130 मीटर एवं जल संचय क्षमता 19500 क्यू.बी मीटर है। नवीनीकरण से सिंचित एरिया में 3.3 एकड़ की वृद्धि हुई है।
अमृत सरोवर निर्माण में योजनांतर्गत प्रतिदिन 336 श्रमिकों के अलावा ग्राम विकास समिति की भी सहभागिता रही है। लगभग 25 साल पुराने इस तालाब के नवीनीकरण हेतु मनरेगा योजना के तहत सर्व सम्मति से इसे प्रस्ताव में शामिल किया गया। चूंकि उक्त तालाब में साफ-सफाई के अभाव में पानी गंदा हो जाता था। मनरेगा योजना के तहत 10 लाख रूपये की स्वीकृति मिलने से ग्रामीणों में भी नयी ऊर्जा का संचार हुआ।  जल संरक्षण एवं संवर्धन के साथ यह तालाब ग्रामीणों की आजीविका गतिविधियों में भी मददगार रहा। भारत सरकार के गाइडलाईन अनुसार निर्मित सरोवर में नीम, पीपल एवं बरगद के लगभग 160 पौधों का रोपण किया गया है। पंचायत एवं ग्राम विकास समिति की सहभागिता से सरोवर के चारों ओर बांस से निर्मित तीस नग मचान, पौधों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 160 नग ट्रीगार्ड लगाया गया है। तालाब के सामने वाले भाग में कांक्रीटकरण कार्य, दीवाल में आकर्षक पेंटिंग के माध्यम से सरोवर को लुभावना बनाया गया है।
गांव वालों का कहना है कि यह सरोवर गांव में पानी की समस्या का निदान है। अमृत सरोवर ग्रामीण लोगों के लिए आजीविका का साधन साबित हुआ है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा यहां मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा हैं। जिससे समूह की महिलाएं स्वरोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रही है। तालाब से तुलाराम, कुंजबिहारी, जगराखन साहू, जनजीवन साहू, कृष्णा साहू एवं गगांराम सहित आस-पास के 10 किसानों को भी सीधे लाभ मिल रहा है।

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