“जब मैं वापस आऊं तो मुझे देखना”, विदेश में राहुल गांधी की टिप्पणी पर बोले एस जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) इस समय ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका (Africa) पहुंचे हैं. यहां पर जयशंकर ने कहा, कुछ चीजें राजनीति से ऊपर उठकर होती हैं.

नई दिल्ली: 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों अमेरिका (America) में हैं, जहां वे मोदी सरकार का घेर रहे हैं. इसे लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने उन पर निशाना साधा है. जयशंकर ने कहा, कुछ चीजें राजनीति से ऊपर उठकर होती हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मैं विदेश यात्रा के दौरान राजनीतिक बहस नहीं करूंगा. भारतीय विदेश मंत्री इस समय ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका पहुंचे हैं. जयशंकर केप टाउन में भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनकी अमेरिका यात्रा को लेकर सवाल किया. शख्स ने कहा कि अमेरिका में ‘किसी’ की टिप्पणी पर उन्हें क्या कहना है तो जयशंकर ने कहा, “देखिए, मैं अपने लिए बात कर सकता हूं. मैं कोशिश करता हूं कि जब विदेश जाऊं तो राजनीति न करूं. अगर मुझे बहस करनी होगी तो मैं अपने देश में करूंगा.”

अपने देश पहुंच कर दूंगा जवाब : जयशंकर
मंत्री ने आगे कहा, एक लोकतांत्रिक देश में सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी, राष्ट्रीय हित, सामूहिक छवि होती है. कुछ चीजें राजनीति से ऊपर उठकर होती हैं. जब आप देश के बाहर कदम रखते हैं तो आपको यह बातें ध्यान में रखनी चाहिए. उन्होंने कहा, मैं किसी के साथ अपनी अलग राय रख सकता हूं और मैं उनसे अलग राय रखता हूं. लेकिन मैं इसका जवाब कैसे दूंगा, तो मैं घर जाऊंगा और जवाब दूंगा. जब मैं वापस जाऊंगा तो आप मुझे देखिएगा.

राहुल गांधी ने पीएम पर बोला था हमला
अमेरिका के सांता क्लारा में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी को नमूना बताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के काम का असर अल्पसंख्यकों, दलित और आदिवासी समुदाय महसूस कर रहा है.

कांग्रेस नेता ने कहा, मुसलमान इसे सीधा महसूस कर रहे हैं क्योंकि यह उनके साथ सबसे ज्यादा सीधे तरीके से किया जा रहा है, लेकिन यह सभी समुदायों के साथ किया जा रहा है. राहुल ने कहा था, जिस तरह से आप (मुस्लिम) महसूस कर रहे हैं, मैं गारंटी दे सकता हूं कि सिख, ईसाई, दलित और आदिवासी भी ठीक इसी तरह महसूस कर रहे हैं. आप नफरत को नफरत से नहीं काट सकते, इसे प्रेम के जरिए ही किया जा सकता है.

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