4 माह में मुर्गी विक्रय से 27 हजार एवं अंडा विक्रय से 17 हजार रुपए की हुई आमदनी
खाद विक्रय से समूह को 64 हजार का मिला है लाभ
महिलाओं को स्थानीय स्तर पर गांव में ही मिला रहा है स्वरोजगार,
वर्मी कंपोस्ट, सब्जियां, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, दोना पत्तल निर्माण, कैरी बैग, त्रिफला चूर्ण उत्पादन से बन रहे हैं आर्थिक रूप से सशक्त
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसान और महिलाओं के लिए संबल बनी है। इसी कड़ी में गिनाबहार रीपा में एकता समूह के सदस्यों द्वारा दोना पत्तल उत्पादन एवं पैकेजिंग का कार्य प्रारंभ किया गया है और गौठान में विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान कर रही है।
कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत गिनाबहार में ग्राम सुराजी योजनांतर्गत गौठान में मुर्गी शेड, बकरी शेड, बर्मी टांका, बाड़ी विकास हेतु प्रर्याप्त भूमि एवं पानी की व्यवस्था के लिये तालाब व बोर उपलब्ध है।
ग्राम पंचायत गिनाबहार में समूह के महिलाओं द्वारा आजीविका गतिविधि संचालित है, इसमें मुख्य रूप से 3 समूह 35 परिवार के सदस्य जुड़ कर गौठान से लाभ ले रहे है। दुर्गा समूह के द्वारा गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें समूह द्वारा अब तक 256 क्विंटल खाद उत्पादन किया गया है जिसमें से 196.90 क्विंटल खाद मण्डी में विक्री हो चुका है। विक्रय से समूह को कुल 64 हजार 386 रूपए का लाभ प्राप्त हुआ है।
सामुदायिक बाड़ी अंतर्गत् दुर्गा समूह के द्वारा गौठान में सामुदायिक बाड़ी का कार्य किया जा रहा है, जिसमें गौठान में विभिन्न प्रकार आलू, मटर, टमाटर व मिर्ची की सब्जियॉ लगाई गई है। जिसके विक्रय से समूह को 65 हजार रूपए का लाभ प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार वैजन्ती समूह के सदस्यों द्वारा गौठान में मशरूम उत्पादन का कार्य किया गया है। जिसमें 21 दिनों में महिलाओं के द्वारा 1 क्विंटल मशरूम उत्पादन किया गया। महिलाओं को 20 हजार रुपए का लाभ प्राप्त हुआ।
गौठान में दुर्गा समूह को पशुपालन विभाग द्वारा 1 यूनिट में 10 बकरी एवं 1 बकरा दिया गया था। जिससे 1 वर्ष के बाद 3 बकरी का विक्रय किया गया। जिसके विक्रय से महिलाओं को अब तक 35 हजार रूपए लाभ प्राप्त हुआ है। पशुपालन विभाग से बायार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना के अंतर्गत गिनाबहार गौठान के अर्पण समूह को 5 यूनिट (225 नग चूजा दिया गया था। 4 माह के मुर्गी पालन के पश्चात अंडे विक्रय कर 17 हजार रुपये व मुर्गी विक्रय कर 27 हजार का लाभ प्राप्त हुआ।
गौठान का रीपा के रूप में चयन किया गया है जिसमें एकता समूह द्वारा दोना पत्तल निर्माण, सगुण समूह द्वारा कैरी बैग, संतरा समूह द्वारा त्रिफला चूर्ण का कार्य किया जा रहा है। सभी समूह में 15-15 सदस्य कार्य कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। पहले स्व सहायता समूह के सदस्य बेरोजगार थे, समूह एवं गौठान से जुड़कर स्वरोजगार अपना रही है। रोजगार उपलब्ध न होने से मनरेगा एवं अन्य जगह काम करने जाते थे। अब रीपा गौठान में काम मिलने से बाहर काम करने नहीं जा रही है। प्रतिदिन औसतन 200 रुपये का कमाई हो रहा है।