पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं. स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 101वें एपिसोड को संबोधित किया. मन की बात में शिक्षा मंत्रालय के ‘युवा संगम’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह शानदार पहल देश की विविधता और लोगों के बीच के संपर्क को बढ़ावा देने वाली है. पीएम मोदी ने कार्यक्रम की 101वीं कड़ी में ‘युवा संगम’ कार्यक्रम का उल्लेख किया. साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया यह एक प्रकार का राष्ट्रीय आदान-प्रदान कार्यक्रम है. इसमें देश भर के हजारों युवा हिस्सा ले रहे हैं जो विभिन्न हिस्सों में जाकर देश को देखने, समझने और जानने का प्रयास करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि यह देश की विविधता और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने वाली पहल है और करीब 1,200 छात्र पहले ही इस कार्यक्रम के पहले चरण में 22 राज्यों का दौरा कर चुके हैं. उनका कहना था, ‘‘भारत में इतना कुछ जानने और देखने के लिए है कि आपकी उत्सुकता बढ़ती ही जाएगी.” पीएम मोदी ने अपने हालिया जापान दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘कुछ दिनों पहले हिरोशिमा में था. वहां हिरोशिमा शांति स्मारक में जाने का अवसर मिलाय. यह मेरे लिए भावुक कर देने वाला क्षण था. ”
इसी के साथ पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं. स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं. हमारे अमृत सरोवर विशेष हैं क्योंकि ये आजादी के अमृतकाल में बन रहे हैं और इसमें लोगों का अमृत प्रयास है. आपको जानकर अच्छा लगेगा कि अब तक 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण भी हो चुका है. ये जल सरंक्षण की दिशा में बहुत बड़ा कदम है.
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में सावरकर की तारीफ करते हुए कहा कि उनका बलिदान, साहस, संकल्प हमारे लिए प्रेरणा है. इस दौरान पीएम मोदी ने सावरकर को याद करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व शक्ति तथा उदारता का स्वरूप था, उनकी निडर और स्वाभिमानी प्रकृति ने गुलामी बर्दाशत नहीं की. साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा कि पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रिट किया है, आप सबकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है. आप सभी ने जो आत्मीयता और स्नेह ‘मन की बात’ के लिए दिखाई, वो अभूतपूर्व और भावुक कर देने वाला है.