मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने धार जिले के बदनावर में जनसभा को संबोधित किया
भोपाल:
कांग्रेस की सरकार आने पर 100 यूनिट बिजली माफ की जाएगी और 200 यूनिट तक बिजली का बिल हाफ किया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 100 यूनिट बिजली बिल माफ करने का वचन धार जिले के बदनावर में जनसभा को संबोधित करते हुए दिया.
कमलनाथ ने कहा “हम झूठी घोषणाएं नहीं करते, हम तो वचन देने हैं और उसे पूरा करते हैं. हमने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देने का वचन दिया था, जिसे पूरा किया था. हमारे दिल-दिमाग में समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त और सुदृढ़ बनाने की सोच है. यदि उसे 100 यूनिट बिजली बिल से राहत मिलेगी तो हमारा गरीब, आदिवासी, किसान सशक्त बनेगा, उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और गांव की किराने की दुकान भी चलेगी.”
कमलनाथ ने कहा कि, ”माताओं बहनों को यदि 15 सौ रुपये मिलेंगे और रसोई चलाने के लिए 500 रुपये में सिलेंडर मिलेगा तो वे अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई करवा पाएंगी, यह हमारी सोच है. नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलें, यह हमारी सोच है. मध्य प्रदेश की नई तस्वीर बने यह हमारी सोच है.”
कमलनाथ ने दोहराया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर राज्य में गरीब महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये देगी और मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेगी.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ के तहत 1.25 करोड़ से अधिक महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया है. इस योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को राज्य सरकार से वित्तीय सहायता के रूप में प्रति माह 1,000-1,000 रुपये दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मार्च में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रदेश की गरीब एवं मध्यम परिवार की महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.
पीटीआई-भाषा के मुताबिक, कमलनाथ ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि मुफ्त बिजली योजना से सूबे पर कर्ज का बोझ नहीं बढ़ेगा ‘क्योंकि कांग्रेस के सत्ता में आने पर राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन उम्दा रहेगा.
कमलनाथ ने दावा किया कि राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार ने 3.30 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम कर्ज ले रखा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस कर्ज को चुकाने के लिए राज्य सरकार को और ऋण लेना पड़ेगा. लेकिन इस कर्ज का उपयोग क्या हुआ? क्या इस कर्ज से पेंशनरों, आशा कार्यकर्ताओं, संविदा कर्मियों आदि को लाभ हुआ?”
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 3.30 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का इस्तेमाल बड़े-बडे़ ठेके देने में किया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको समझाने की जरूरत नहीं है कि ये ठेके किन लोगों को दिए गए.”